पितृ दोष क्या है ?कहीं आपको तो नही ? जाने के लिए और मुक्ति पाने के लिए जल्द पढ़े
ज्योतिष के अनुसार पितृ दोष सबसे बड़ा दोष माना गया है। अगर किसी व्यक्ति को पितृ दोष हो जाता हैं तो उसे बहुत सारे कष्टों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको पितृ दोष के उपायों के बारें में बताने जा रहे है।
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पितृ दोष क्या है ?
ज्योतिषशास्त्र में कई प्रकार के दोषों के बारे में बताया गया है। इनमें पितृदोष भी एक है। यह दोष जन्मकुण्डली में तब बनता है जब नवम भाव में राहु, केतु, शनि अथवा मंगल अपनी नीच राशि में बैठा हो। नवमेश के साथ इन ग्रहों की युति बन रही हो।
चन्द्र से अथवा चन्द्रमा की राशि से नवम भाव में पाप ग्रह बैठे हों। जन्मकुण्डली में अगर चन्द्रमा और सूर्य राहु केतु से ग्रसित हों तब भी पितृ दोष माना जाता है।
पितृदोष के संबंध में ज्योतिष और पुराणों की अलग अलग धारणा है लेकिन यह तय है कि यह हमारे पूर्वजों और कुल परिवार के लोगों से जुड़ा दोष है।
पितृदोष के कारण हमारे सांसारिक जीवन में और आध्यात्मिक साधना में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। हमारे पूर्वजों का लहू, हमारी नसों में बहता है।
हमारे पूर्वज कई प्रकार के होते हैं, क्योंकि हम आज यहां जन्में हैं तो कल कहीं ओर।
पितृ दोष की मुक्ति
पितृ दोष की मुक्ति के लिए आपको अपने पूर्वजों की पुन्य तिथि पर ब्राहाम्णों को भोजन करना चाहिए।
अगर ब्राहाम्ण नहीं मिलते है तो आपको गरीब या बेसहारा लोगों को भोजन करना चाहिए।
अपने मकान के दक्षिण दीवार की तरफ अपने पितरो की फोटो लगाए।
उसके बाद उनकी तस्वीर पर माला चढ़ाए या फुल उनके सामने अर्पण करें। साथ उनके सामने हाथ जोड़कर सुख शांति की कामना करें।
शनिवार के दिन प्रात:काल कच्चे दूध में जौ और काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ में चढ़ाए।
आपके सारे दोष जल्द से जल्द दूर हो जाएंगे और आपके सिर पर अपने पूर्वजों का आर्शिवाद बना रहता है।
सात शनिवार और मंगलवार के दिन आपको लगातार अपने घर में जावित्री और केसर की धूप से करें आपकी सारी पितृ दोष जल्दी ही समाप्त हो जाएंगे।