85 साल बाद कैसे मिली भगत सिंह की पिस्तौल, जानिए रोचक तथ्य
भगत सिंह पर बनी फिल्मों में आपने अक्सर एक सीन देखा होगा जिसमें उनका किरदार निभा रहे अभिनेता अंग्रेज अफसर जॉन सोंडर्स को गोली मार देते हैं भगत सिंह और उनके साथियों से जुड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी भी कई लोगों ने देखी होगी.
भगत सिंह को फांसी दिए जाने के बाद उनकी इस्तेमाल की हुई पिस्तौल कहां गई बीसवीं सदी में इस्तेमाल की गई पिस्तौल इतने साल कहां पड़ी रही है और कैसे इक्सवी सदी में यह लोगों के सामने आई.
भगत सिंह पर आरोप था कि उन्होंने अंग्रेज अफसर सांडर्स की हत्या अमेरिका में बनी 32 बोर की कॉलेट सेमी आटोमेटिक गन से की अभी उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हथियार को अच्छे तरीके से संभाल कर रखा है.
जुपी इंद्रजीत कहते हैं कि उनके मन में कई साल पहले यह ख्याल आते थे कि भगत सिंह की पिस्तौल का क्या हुआ पिस्तौल कहां गई और किसके पास है वह बताते हैं कि 2016 में उन्होंने पिस्तौल को ढूंढना शुरू किया था.
2016 में पिस्तौल का नंबर मिलने पर उन्हें पहली कामयाबी मिली भगत सिंह की ओर से इस्तेमाल के गई 32 बोर की कॉल्ट सेमी आटोमेटिक पिस्तौल का नंबर है 16 8896.
जूपी इंद्रजीत कहते हैं यहां भी रहे आसान नहीं थी रिकॉर्ड खंगालने के बाद पता चला कि लाहौर से आए हथियारों में से साल 1968 में 8 हथियार मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित BSF के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपन हैंड भेज दिए गए थे.
पंजाब से जो 8 हथियार अकादमी गए उनमें भगत सिंह की इस्तेमाल की हुई पिस्तौल हुई थी उन्होंने आगे बताया कि हथियारों को जंग से बचाने के लिए पेंट करके रखा जाता था.
पिस्तौल के कागजात के आधार पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया कि पिस्तौल पर असल हक पंजाब का इसलिए इसे पंजाब के हवाले किया जाए.
अब इस पिस्तौल को पंजाब के हुसैनीवाला के म्यूजियम में रखा गया है भगत सिंह की ‘जेल’ डायरी दुनिया के सामने लाने वाले प्रोफेसर मालविंदर सिंह ने भी जुपिं इंदरजीत की खोज को किताबी रूप देने की सराहना की है