हार्ट अटैक: 45 की उम्र के बाद डायबिटीज के मरीजों को इन वजहों से होता है हार्ट अटैक, ऐसे करें इससे बचें
डायबिटीज के मरीजों को हमेशा दिल की बीमारियों का खतरा बना रहता है।आपको बता दें कि डायबिटीज और दिल की बीमारियां हमेशा गलत लाइफस्टाइल से शुरू होती हैं। साथ ही ये दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। जी हां, डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर असंतुलित होने से ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज को अपना खास ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज के मरीज कैसे अपना ख्याल रखते हैं। चलो पता करते हैं।
मधुमेह में हार्ट अटैक के कारण
रक्त शर्करा में वृद्धि –
अगर किसी को 30 या 45 की उम्र में मधुमेह हो जाता है, तो स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य जिम्मेदारियों का भी ध्यान रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में रक्त का असंतुलन हृदय रोग का कारण बनता है। वहीं हाई ब्लड शुगर हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है और हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा दोगुना हो जाता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण-
40 की उम्र तब होती है जब हम खुलकर खाते हैं। डायबिटीज होने पर भी ज्यादातर लोग अपने खाने की आदतों में ज्यादा बदलाव नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अधिक तेल मसाले खाने का नुकसान यह है कि यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है। जिससे पोषण प्रदान करने वाली रक्त कोशिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं और दिल का दौरा पड़ता है।
धूम्रपान और तनाव
30 साल से ऊपर के लोग ज्यादातर अपने करियर और निजी जीवन को लेकर तनाव में रहते हैं। तनाव में रहने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों को धूम्रपान और शराब पीने की आदत होती है, उनमें हृदय रोग का खतरा तेजी से फैलता है।
मधुमेह में हार्ट अटैक से बचने के उपाय
1- अपने ब्लड शुगर को यथासंभव सामान्य रखें।
2- वजन को नियंत्रण में रखें।
3- नियमित व्यायाम करें।
4- दिल को स्वस्थ रखने के लिए हार्ट हेल्दी खाना खाएं।