हनुमान जी ने तीन काम किये और जो ये तीन कार्य करता है हनुमान जी उसे अपने पास सदा रखते है।
हनुमान जी को भगवान सदा अपने पास बैठाते है क्योंकि हनुमान जी ने तीन काम किये और जो ये तीन कार्य करता है भगवान उसे अपने पास सदा रखते है।
1- नाम छोड़ा -हनुमान जी ने अपना कोई नाम नहीं रखा हनुमान जी के जितने भी नाम है सभी उनके कार्यों से अलग अलग नाम हुए है किसी ने पूछा आपने अपना कोई नाम क्यों नहीं रखा तो हनुमान जी बोले जो है नाम वाला वही तो बदनाम है नाम तो दो ही सुन्दर है राम और कृष्ण का हनुमान जी ने नाम छोड़ा और हम नाम के पीछे ही मरे जाते है मंदिर में एक पत्थर भी लगवाते है
तो पहले अपना नाम उस पर खुदवाते है। एक व्यक्ति ने एक मंदिर में पंखे लगवाए पंखे की हर पंखङी पर अपने पिता जी का नाम लिखवाया एक संत ने पूछा ये पंखे पर किसका नाम लिखा है उसके बेटे ने कहा मेरे पिता जी का नाम है संत बोले जीते जी खूब चक्कर काटे कम से कम मरने के बाद तो छोड़ दो क्यों चक्कर लगवा रहे हो
2- रूप छोड़ा -हनुमान जी बंदर का रूप लेकर आये हमें किसी का मजाक उड़ाना होता है
तो हम कहते है कैसा बंदर जैसा मुख है कैसे बंदर जैसे दाँत दिखा रहा है हनुमान जी से
किसी ने पूछा आप रूप बिगाड़कर क्यों आये तो हनुमान जी बोले यदि मै रूपवान हो गया
तो भगवान पीछे रह जायेगे इस पर भगवान बोले चिंता मत करो हनुमान मेरे नाम से ज्यादा
तुम्हारा नाम होगा और ऐसा हुआ भी राम जी के मंदिर से ज्यादा हनुमान जी के
मंदिर है मेरे दरबार में पहले तुम्हारा दर्शन होगा।
3- यश छोड़ा -हम थोड़ा सा भी बड़ा और अच्छा काम करते है तो चाहते है पेपर में
हमारी फोटो छपे नाम छपे पर हनुमान जी ने कितने बड़े काम किये पर यश स्वयं नहीं लिया
एक बार भगवान वानरों के बीच में बैठे थे सोचने लगे हनुमान तो अपने मुख से स्वयं कहेगा नहीं
इसलिए हनुमान की बडाई करते हुए बोले हनुमान तुमने इतना बड़ा सागर लांघा जिसे कोई नहीं
लांघ सका हनुमान जी बोले प्रभु इसमें मेरी क्या बिसात आपके नाम की मुंदरी ने पार लगाया
भगवान बोले अच्छा हनुमान चलो मेरी नाम की मुंदरी ने उस पार लगाया फिर जब तुम लौटे तब तो
मुंदरी जानकी को दे आये थे फिर लौटते में तो नहीं थी फिर किसने पार लगाया इस
पर हनुमान जी बोले प्रभु आपकी कृपा ने मुंदरी ने उस पार किया और माता सीता की
कृपा ने चूड़ामणि इस पार किया।
भगवान ने मुस्कराते हुए पूछा और लंका कैसे जली हनुमान जी लंका को जलाया
आपके प्रताप ने लंका को जलाया रावण के पाप ने लंका को जलाया माँ जानकी के
श्राप ने भगवान ने मुस्कराते हुए घोषणा की हे हनुमान तुमने यश छोड़ा है इसलिए न जाने
तुम्हारा यश कौन-गायेगा कहना यह है जो इन तीनो को छोडता है
भगवान फिर उसे नहीं छोडते सदा अपने साथ रखते है