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भारत-अमेरिका का बढ़ता रक्षा कारोबार संबंधों की सफलता का नतीजा : गार्सेटी

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वाशिंगटन, 16 दिसंबर भारत में अमेरिका के अगले राजदूत के लिए नामित एरिक माइकल गार्सेटी ने अमेरिका और भारत के मजबूत रिश्ते की वकालत करते हुए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवाइजरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (काटसा) पर फैसले के अनुरूप काम करने का आश्वासन दिया है। गार्सेटी ने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ता रक्षा व्यापार द्विपक्षीय संबंधों की सफलता का नतीजा है।

अमेरिकी राजदूत के रूप में पुष्टि के लिए सुनवाई के दौरान गार्सेटी ने काटसा से संबंधी सवाल पर कहा कि मैं सचिव के प्रतिबंध या छूट के निर्णय को लेकर पूर्वाग्रही नहीं हूं और इसे चेयरमैन, रैकिंग मेंबर व सीनेट की विदेश मामलों समिति के सदस्यों के सामने स्पष्ट कर देना चाहता हूं। मैं देश के कानून का पूरा समर्थन करूंगा और काटसा के अनुपालन अथवा उससे छूट के प्रावधान को लागू करूंगा। बाइडन के विश्वस्त गार्सेटी फिलहाल लास एंजिलिस के मेयर हैं।

काटसा अमेरिका का एक सख्त कानून है, जो प्रशासन को रूस से बड़े रक्षा उपकरण खरीदने वाले देशों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने का अधिकार देता है। रूस द्वारा वर्ष 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किए जाने और वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित दखल की प्रतिक्रिया में यह कानून अस्तित्व में आया था।

गार्सेटी ने कहा कि अगर मुझे राजदूत बनाया गया, तो मैं भारत की हथियार प्रणाली के विविधिकरण की सिफारिश करूंगा। साथ ही भारत-अमेरिकी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने का प्रयास करूंगा। मुझे लगता है कि पिछले कुछ दशकों में शून्य से बढ़कर 20 अरब डालर की खरीद, खुफिया सूचना का आदान-प्रदान, युद्धाभ्यास एवं समुद्री साझेदारी दोनों देशों की सफलता की बड़ी कहानियां हैं। भारत में मानवाधिकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर वह काम करेंगे और मुद्दों को उठाएंगे।

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