भारत में शुरू होगा ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, सस्ती हाइड्रोजन बनाने पर मिलेगी इंसेंटिव
केंद्र सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है और इसके तहत देश में सस्ती दर पर ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में जलवायु परिवर्तन को लेकर समय-समय पर उठाए गए कदमों की दुनिया में सराहना हुई है. 2021 में ग्लासगो में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की महत्वाकांक्षी योजना के बारे में बात की।
अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में जलवायु परिवर्तन को लेकर समय-समय पर उठाए गए कदमों की दुनिया भर में तारीफ हुई है. 2021 में ग्लासगो में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जिस महत्वाकांक्षी योजना की बात की थी, उसकी घोषणा साल 2021 में 15 अगस्त को ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर की गई थी। नई नौकरी की भी बात चल रही थी। यह ग्रीन हाइड्रोजन मिशन इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
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राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन क्या है?
केंद्र का राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन हरित ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन के उत्पादन पर जोर देता है। मिशन ‘भारत को मूल्य श्रृंखला में हाइड्रोजन और ईंधन सेल प्रौद्योगिकी के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने’ पर केंद्रित है।
मार्च 2022 में, सरकार ने मिशन का विवरण देते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें कहा गया कि मिशन अल्पावधि (4 वर्ष) के लिए विशिष्ट रणनीतियों और लंबी अवधि (10 वर्ष और उससे अधिक) के लिए व्यापक सिद्धांतों को बढ़ावा देगा।
सरकार ने यह भी कहा कि ‘इसका लक्ष्य मूल्य श्रृंखला में हाइड्रोजन और ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करना है।’