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खुशखबरी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने को लेकर सरकार लेगी बड़ा फैसला, बनेगा ये नया फॉर्मूला

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कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार नियमित अंतराल पर सैलरी का नया फॉर्मूला लागू करती है. वर्तमान में भुगतान किया जा रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि अब नया वेतन आयोग नहीं आएगा. इसके बजाय, मोदी सरकार  वेतन वृद्धि के लिए एक नया फॉर्मूला पेश करेगा। जो कर्मचारियों के प्रदर्शन पर आधारित होगा। आज तक सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए समय-समय पर नया वेतन आयोग लागू करती थी।

लेकिन, मोदी सरकार नया वेतन आयोग लागू करने के बजाय अब वेतन वृद्धि का एक और फॉर्मूला लाने की तैयारी कर रही है. अब तक वेतन वृद्धि के अलावा केंद्र और राज्य के कर्मचारियों को हर छह महीने में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का लाभ मिल रहा था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय सैलरी बढ़ाने के नए फॉर्मूले पर विचार कर रहा है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अब कर्मचारियों को नया वेतन आयोग नहीं मिलेगा. इसके बजाय, कर्मचारियों के वेतन में उनके प्रदर्शन के अनुसार वृद्धि की जाएगी। हालांकि सरकार इस पर अभी विचार कर रही है। भविष्य में यह फॉर्मूला कैसे काम करेगा?

6 साल पहले एक नए फॉर्मूले पर हुई थी चर्चा

6 साल पहले वेतन आयोग की जगह वेतन वृद्धि का नया फॉर्मूला लागू करने पर चर्चा हुई थी। संसद में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग से आगे सोचने की जरूरत है, यह मानते हुए कि सरकार अब इस विचार को लागू करने के लिए तैयार है।

यह हो सकता है नया फॉर्मूला

कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के नए फॉर्मूले को अभी मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन माना जा रहा है कि यह पूरी तरह से डीए पर आधारित हो सकता है।सूत्रों के मुताबिक नए फॉर्मूले के मुताबिक जैसे ही कर्मचारियों का डीए 50 फीसदी बढ़ेगा कर्मचारियों का वेतन अपने आप बढ़ जाएगा। इसे स्वचालित वेतन संशोधन के रूप में नामित किया जा सकता है। इससे केंद्र के 68 लाख कर्मचारियों और करीब 52 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

छोटे कर्मचारियों के लिए बड़ा फायदा

सरकार के इस फॉर्मूले का सबसे ज्यादा फायदा छोटे स्तर के कर्मचारियों को होने वाला है. हालांकि अभी फॉर्मूला तय होना बाकी है, लेकिन माना जा रहा है कि नए नियमों के लागू होने के बाद निचले स्तर के कर्मचारियों के वेतन में और इजाफा होगा। इसके तहत मैट्रिक्स 1 से 5 स्तर के कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 21 हजार रुपये होगा।

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