10 रूपए में मिलती है ‘राहत की पुडि़या’ क्या आप जानना नहीं चाहेंगें
राहत की पुडि़या: आज के दौर में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि नौकरी पेशा हो, व्यापारी हो या कोई मजदूर सबके घर का बजट गड़बड़ा गया है।
नौकरी पेशा या व्यापारी तो फिर भी किसी न किसी तरह महीने भर का बजट संभाल लेते हैं। पर मजदूरों के लिए इस महंगाई से 2 वक्त का खाना एक वक्त में तब्दील हो गया है।
लेकिन दुनिया में अब भी इंसानियत बाकी है। जो अपनी इंसानियत से गरीबों का भला करते हैं और पुण्य कमाते हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले की। जहां जिला मुख्यालय में किराने की दुकानों की एक ऐसी गली है।
जहां गरीब मजदूरों को केवल 10 रूपए में ‘राशन की पुडि़या’ नाम से राशन दिया जाता है। होशंगाबाद के हलवाई चौक स्थित बनिया गली में लगभग आधा दर्जन ऐसी किराने की दुकानें हैं, जहां केवल 10 रूपए में गरीब मजदूरों को 2 वक्त का खाने का राशन मिल जाता है।
होशंगाबाद के इन किराने की दुकानों की खास बात यह है कि महंगाई चाहें जितनी भी बढ़ जाए, लेकिन गरीब मजदूरों को ‘राहत की पुडि़या’ केवल 10 रूपए में ही मिलेगी।
’राहत की पुडि़या’ में गरीब मजदूरों को दिया जाता है यह सामान :
बनिया गली के एक दुकानदार अमरचंद खंडेलवाल ने बताया कि उनकी दुकान करीब 50 साल से चल रही है। उनका कारोबार मजदूर वर्ग के कारण ही आगे बढ़ा है।
इसलिए वह बढ़ती महंगाई में मजदूरों का ख्याल रखना अपना फर्ज़ समझते हैं। साथ ही अमरचंद खंडेलवाल ने यह भी बताया कि इस गली में सभी दुकानदार गरीबों को दाल, चावल, चीनी, पत्ती और आटा सहित राशन ‘राहत की पुडि़या’ नाम से केवल 10 रूपए में इसलिए देते हैं कि एक गरीब मजदूर के घर में 2 जून का खाना आसानी से बन सके और हम सबको इस काम से थोड़ा सा पुण्य मिल सके। अच्छी बात यह है कि यहां के दुकानदारों की दरियादिली को मजदूर भी अच्छी तरह समझते हैं। इसीलिए वह भी मेहनत से अपने काम को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते हैं।