सुंदरता से लेकर सेहत, का खजाना है हल्दी
आयुर्वेद में हल्दी को बढा महत्त्व है इतना ही नही बल्की पुरी दुनिया में हल्दी का पेटेंट सिर्फ भारत के पास है. हल्दी बहुत सारे रोगो पर गुणकारी दवा है इससे अनेक रोगो पर सीधा असर होता है. जखम, गठीया, मधुमेह, मस्से, बवासीर, चेचक, दात दर्द, एक्सिमा, खुजली, पेट की किडे, पायरिया, दमा रोग, हड्डी तुटणा, कान बेहाना, बाल झडणा, चेहरे की झाइया, टासील, आंखो का रोग, चेहरे के दाग धब्बे, खासी, खून की सफाई इन सभी रोगो पर हल्दी का सीधा असर होता है.
और लाभ मिलता है.अगर शरीर में पैलवान जैसी ताकत पाना चाहते है तो 400 ग्राम हल्दी के गाठे, 1 किलो भूझा चुना मिठी के बरतन में डालकर इस में 2 लीटर पानी डाले जब ये ठंडा हो जायेगा बरतन को ढकण लगाकर रखे 2 महिने के बाद हल्दी के गाठो को बहार निकालाकर उस हल्दी को पीसले वह हल्दी रोज 2 ग्राम मात्रा में 8 ग्राम शहद के साथ लगातार तीन महिने सेवन करणे से शरीर का खून साफ होता है और पैलवान जैसी ताकत प्राप्त होती है.
जब गले में टांसिल बडता है एैसे समय अदा चमच हल्दी का पावडर, अदा चमच कालीमिर्च का चूर्ण एक चमच अदरक में मिलाकर धीमी आज पर गर्म करे यह काढा शहद में मिलाकर चाटणे से 2 दिन में टांसिल की सुजन कम होती है और दर्द से राहत मिलती है.
सुंदर चेहरा पाने के लिये एक चमच हल्दी पावडर, एक चमच चंदन का पावडरम, निम के 3-4 हरे पत्ते एक साथ मिलाकर शहद में कलाकर चेहरे पर लगाये इसे सुखणे के बाद ठंडे पानी से चेहरा धोये इस विधी से कील मुंहासें, दाग-धब्बे, झाइया, दूर होते है और चेहरे की रोनक बढती है.
शरीर पर कही भी गले के आजू बाजू में मस्से आते है इस मस्से को निकालने के लिये हल्दी गठीया को अरहर की दाल में पकायें इसे छाव में सुखाकर गाय के घी में पीसले फिर ये लेप मस्से पर लगाये यह प्रयोग कुच्छ दिन करणे से मस्से नरम हो के अपने आप निकल जाते है