रावण द्वारा हनुमान जी से पूछे गए पांच प्रश्न

जानिये रावण ने पूछे 5 प्रश्न हनुमान जी से
1, कह लंकेश कवन ते कीसा-अर्थात हे बंदर तुम कौन हो?
2, केहि के बल घालेसी बन खीसा-अर्थात तू ने अशोक वन को किसके बल से नष्ट किया?
3,की धों श्रवण सुनेहि नहीं मोहि- अर्थात हे ! दुष्ट तू ने मेरा नाम नहीं सुना?
4,मारेसि निशिचर केहि अपराधा-अर्थात राछसों को किस अपराध के कारण मारा?
5,कहु सठ तोहि न प्राण के बाधा-अर्थात तुझे अपने प्राण जाने का भी डर नहीं है?
उत्तर- हनुमानजी का सटीक एक जवाब
जाके बल बिरंचि हर ईशा, पालत सृजत हरत दसशीसा.
जा बल शीश धरत सहषानन,अंडकोष समेत गिरी कानन.
जा के बल लवलेश ते,जितेहु चराचर झारि.
तासु दूत में जा करि,हरि आनेहु प्रिय नारि.
अर्थात जिसके बल से तू रावन है,उसके बल से मैं हनुमान हूँ.मैं और तू दोनों एक ही के बल से संचालित हैं,उसके बल से तू अधर्म कर रहा है.और उसी के बल से मैं अधर्म और अधर्मियों दोनों का विनाश कर रहा हूँ.
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