पहली मोहब्बत मेरी हम जान न सके,प्यार क्या होता है हम पहचान न सके
ज़िंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,ख़ुशी न सही गम गले लगा लेना।
कोई अगर कहे मोहब्बत आसान है,तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।
ज़िंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना, खुशी न सही गम गले लगा लेना।
हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी,हसरते सारी दिल में ही मर गयी।
चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में,हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।
पहली मोहब्बत मेरी हम जान न सके,प्यार क्या होता है हम पहचान न सके।
हमने उन्हें दिल में बसा लिया इस कदर कि,जब चाहा उन्हें दिल से निकाल न सके।
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है।
कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है।