खाद्य महंगाई से राहत की उम्मीद! 2022-23 में रिकॉर्ड चावल-गेहूं उत्पादन से 3305 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन
वित्तीय वर्ष 2022-23 में देश में 3305 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ, जो एक रिकॉर्ड है। प्रमुख फसलों के उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2022-23 में खाद्यान्न उत्पादन 2021-22 की तुलना में 149.18 लाख टन अधिक है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इन आंकड़ों की घोषणा की है। कृषि मंत्री ने इन आंकड़ों की घोषणा करते हुए कहा कि इस साल चावल, गेहूं, मक्का, सोयाबीन, तोरिया, सरसों और गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत, वैज्ञानिकों की कार्यकुशलता और सरकार की नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र लगातार प्रगति कर रहा है।
तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2022-23 में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 1355.42 लाख टन है, जो पिछले साल के मुकाबले 60.71 लाख टन ज्यादा है। गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 1127.43 लाख टन रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 50.01 लाख टन ज्यादा है। मक्का का उत्पादन 21.83 लाख टन बढ़कर रिकॉर्ड 359.13 लाख टन दर्ज किया गया। 2022-23 में मग का उत्पादन 37.40 लाख टन हुआ था, जो पिछले साल के मुकाबले 5.74 लाख टन ज्यादा है। दालों का कुल उत्पादन 275.04 लाख टन रहा, जो 2021-22 की तुलना में 2.02 लाख टन अधिक है। तिलहन का कुल उत्पादन 409.96 लाख टन हुआ जो 30.33 लाख अधिक है। तथा गन्ने का उत्पादन रिकॉर्ड 4942.28 लाख टन हुआ जो 548.03 लाख टन अधिक है।
विभिन्न फसलों के उत्पादन के ये आंकड़े राज्यों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार किए गए हैं, जिन्हें अन्य स्रोतों से सत्यापित किया गया है। राज्यों से मिले फीडबैक के आधार पर इन आंकड़ों में संशोधन किया जाएगा। अनाज के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में खाद्य महंगाई में बड़ी राहत मिल सकती है. सबसे बड़ी रात गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन से आएगी क्योंकि पिछले एक साल में गेहूं के साथ-साथ आटे की कीमतों में भी बड़ी उछाल देखी गई है