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जरूरत से ज्यादा पजेसिव बिहेवियर दे सकता है रिश्ते में दरार, इन 4 तरीकों को अपनाकर खुद को रोकें

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अपने पार्टनर को लेकर पजेसिव होना अच्छी बात है। लेकिन हद से ज्यादा पज़ेसिव व्यवहार रिश्ते में खटास ला सकता है। जरूरत से ज्यादा पजेसिव बिहेवियर के चलते कई पार्टनर्स में दूरियां भी आ जाती हैं और दो लोगों के बीच की ये दूरी कई बार रिश्ते को ही खत्म कर देती है। एक साथी के प्रति पज़ेसिव होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें ईर्ष्या, आघात और असुरक्षा की भावनाएँ शामिल हैं। अक्सर बचपन की अपेक्षाएं भी लोगों को जरूरत से ज्यादा पजेसिव बनने का कारण बनती हैं। लेकिन जब यह इस सीमा से अधिक होने लगे तो यह हानिकारक साबित हो सकता है।

स्टाइल क्रेज की रिपोर्ट है कि दोनों के बीच प्यार और सम्मान का रिश्ता है। यह रिश्ता बहुत नाजुक होता है, इसलिए छोटी-छोटी चीजें भी गड़बड़ हो सकती हैं। इसलिए दोनों लोगों के लिए जरूरी है कि वे कुछ सीमाएं तय करें और उनका पालन करें।

मालकियत क्या है?

एक सामान्य स्वभाव वाले साथी के साथ व्यवहार करना और स्वामित्व को नियंत्रित करना दो अलग-अलग चीजें हैं। जब किसी रिश्ते में ईर्ष्या और असुरक्षा की भावना पैदा होती है तो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा पजेसिव हो जाता है। अत्यधिक पजेसिवनेस के कारण पार्टनर एक-दूसरे की भावनाओं और स्वतंत्रता को सीमित कर देते हैं। पजेसिवनेस के कारण दोनों एक-दूसरे की गुप्त जानकारियां हासिल करने की कोशिश करते हैं। कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि रिश्ता खत्म होने की कगार पर आ जाता है।

मालकियत से कैसे बचें

जितना हो सके अतीत के बारे में कम सोचें और अपने साथी के साथ जीवन बिताने की योजना बनाएं। आप अतीत में हुई हर बात को भूलकर नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं

बिना किसी बंधन के जीवन जिएं

रिलेशनशिप में आने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने पैशन को छोड़ दें। यदि आप काम करना चाहते हैं, या यात्रा करना पसंद करते हैं, तो बिना किसी प्रतिबंध के यात्रा करें। अपने पार्टनर के साथ समय बिताएं लेकिन कुछ समय अपनी निजी जिंदगी को भी दें। इससे रिश्ते में नयापन आएगा और आपस में बात करने के लिए नए विषय भी आएंगे।

कभी भी अपनी इच्छा दूसरों पर न थोपें

रिश्ता कभी भी जबरदस्ती नहीं बनाया जा सकता। अगर आप हर बार अपनी मर्जी थोपती हैं तो इससे वह बंधा हुआ महसूस करेगा और फिर रिश्ते में दरार आ सकती है। कोई भी इस तरह के रिश्ते में बंध कर नहीं रह सकता है।

संबंध विच्छेद

ईर्ष्या को आप पर हावी न होने दें

ईर्ष्या किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकती है, चाहे वह भाई-बहन का रिश्ता हो, भाई-बहन का रिश्ता हो, दोस्ती का रिश्ता हो या फिर प्यार का रिश्ता। ईर्ष्या रिश्तों को नष्ट करती है और घृणा और कटुता को भी बढ़ाती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने नकारात्मक व्यवहार को सकारात्मक में बदलें।

एक दूसरे के दोस्तों को जानें

किसी रिश्ते में ईर्ष्या को बढ़ने से रोकने का एक अच्छा तरीका है एक-दूसरे के दोस्तों को जानना। इससे रिश्ते में ईर्ष्या और संदेह की संभावना कम हो जाती है।

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