इम्यून बूस्टिंग के लिए गिलोय का अधिक सेवन लीवर के लिए खतरनाक है; डॉक्टर की चेतावनी
कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों ने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए जड़ी-बूटियों का सेवन करना शुरू कर दिया था। हालांकि, अत्यधिक निकासी के कारण, कई लोग पेट की बीमारियों, गर्मी विकार और बवासीर से पीड़ित होने लगे। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही ऐसी दवाएं या अर्क लेने की सलाह दी जाती है। बहुत से लोग अब अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए गिलोय का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा है कि पीलिया से लीवर को खतरा होता है। उन्होंने इस संबंध में खतरे की चेतावनी भी दी है।
कई रोगियों में पीलिया और सुस्ती के लक्षण विकसित हुए। उनकी जांच के बाद डॉक्टर को उनके खान-पान की जानकारी मिली। उस समय डॉक्टरों को पता चला कि वह गिलोय का सेवन कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कोरोना काल में गिलोय का सेवन करना शुरू किया था। इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ द लीवर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लीवर रोग विशेषज्ञ डॉ. आभा अग्रवाल ने यह भी बताया कि 62 वर्षीय महिला के पेट में दर्द था।
डॉ नागराल ने कहा कि बायोप्सी में पीलिया से लीवर को होने वाले खतरों के बारे में जानकारी मिली। कुछ विशेषज्ञों ने तो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए गिलोय का उपयोग करने का सुझाव भी दिया है। हालांकि, इसे कम मात्रा में सेवन करने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा। लीवर प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. ए.एस. सोइन ने कहा। कोरोना काल में ये मरीज गिलोय का सेवन करने लगे। नतीजतन, वे जिगर की सूजन और जिगर की विषाक्तता से पीड़ित थे। गिलोय का सेवन बंद करने से उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। सोइन ने कहा।
आयुष मंत्रालय ने भी गिलोय को लेने की सलाह दी थी। आयुर्वेद में भी गिलोय के कई फायदों का जिक्र है। गिलोय में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और स्टार्च से भरपूर होता है। इसलिए इसे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में फायदेमंद बताया गया था। कई लोग गिलोय को उबलते पानी, चाय या कॉफी में डालकर ले रहे थे। हालांकि, डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इसका ज्यादा सेवन करने से लीवर को खतरा हो सकता है।