centered image />

आज भी महिलाये भुगत रही है महाभारत में युधिष्ठिर के द्वारा कुंती को मिला श्राप का फल जाने क्या था वो श्राप

0 2,405
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

महाभारत के बारें में तो आप सब जानते है.महाभारत हिंदुओं का एक ऐसा प्रमुख और पवित्र काव्य ग्रंथ है जिसका प्रभाव समूल मानव जाति और जीव जन्तु पर पड़ा.हम आपकों महाभारत की उस कहानी भाई-भाई एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे.कोई भी ऐसा नहीं था जो इस युद्ध को रोक सके एक तरफ कौरवों की रक्षा के लिए भीष्म पीतामह सुरक्षा कवच की ढाल बनकर खड़े थे.तो वहीं दूसरी ओर पांडवों के लिए अर्जुन के रथ का संचालन स्वयं भगवान कृष्ण कर रहे थे.ये प्रसंग उस समय का है जब कौरवों और पांडवों के बीच हुए युद्ध के बाद सभी अपने करीबियों की मृत्यु पर विलाप कर रहे थे.

दिल्ली पुलिस नौकरियां 2019: 649 हेड कांस्टेबल पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करें

AIIMS भोपाल में निकली नॉन फैकेल्टी ग्रुप A के लिए भर्तियाँ – अभी देखें 

सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन

ईस्ट कोस्ट रेलवे में बम्पर भर्ती 2019 : 10वीं, 12वीं और ITI वाले आवेदन करने में देर ना करें -अभी यहाँ देखें 

इस युद्ध में अर्जुन द्वारा सूर्य पुत्र कर्ण का वध किया गया था.कर्ण की मृत्यु के बाद माता कुंती कर्ण के शव पर उसकी मृत्यु का विलाप करने पहुंची इस युद्ध में अर्जुन द्वारा सूर्य पुत्र कर्ण का वध किया गया था कर्ण की मृत्यु के बाद माता कुंती कर्ण के शव पर उसकी मृत्यु का विलाप करने पहुंची.यह देख कुंती के पांचों पुत्र हैरान थे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि एक शत्रु के लिए उनकी माता आंसू क्यों बहा रही हैं.इस बात की जिज्ञासा लिए जब ज्येष्ठ पुत्र युधिष्ठिर ने अपनी माता से पूछा तो माता कुंती ने बेटे की मृत्यु से उत्पन्न क्रोध और करुणा वश युधिष्ठिर को जवाब दिया कि अंगराज कर्ण उनका वास्तविक पुत्र था जिसका जन्म पाण्डु के साथ विवाह होने से पूर्व हुआ था.यह जानकर युधिष्ठिर को काफी दुख पहुंचा उन्होंने युद्ध का जिम्मेदार अपनी माता को बताया और समूल नारी जाति को श्राप दिया कि आज के बाद कोई भी नारी अपना भेद नहीं छुपा पाएगी महाभारत में कुंती को दिया गया यह श्राप आज के युग में चरितार्थ होता नजर आ रहा है.

 

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.