द्रौपदी द्वारा की गयी ये 3 वजह बनी महाभारत युद्ध का बड़ा कारण
कुछ मनुष्य का स्वभाव इस प्रकार का होता है कि वो अपने शत्रु से प्रतिशोध लेने में इतना खो जाता है कि वो उसके बाद का परिणाम नही सोचता। और हकीकत यह है कि यदि परिणाम के बारे में पहले ही विचार कर ले तो कोई अप्रिय घटना ही क्यों होगी। मित्रों महाभारत युद्ध के पश्चात कुरुक्षेत्र के आस पास सिर्फ विधवा स्त्रियां और उनके रोते बिलखते बच्चे ही नजर आ रहे थे। यह दृश्य देखकर द्रौपदी अत्यंत दुखी हो गयी। तभी वहां भगवान श्रीकृष्ण आ गए और उनसे उनके दुखी होने का कारण पूछा।
द्रौपदी ने दुखी होकर श्रीकृष्ण से कहा प्रभु मैं अपने राज्य की ऐसी स्थिति देखकर अत्यंत दुखी हूं। मैंने जीवन में नही सोचा था कि युद्ध के बाद ये दृश्य देखना पड़ेगा। भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अगर तुम अपने जीवन मे यह तीन गलतियां न करती तो शायद महाभारत होता ही नही।
भगवान श्रीकृष्ण जी ने बताया यदि तुम अपने स्वयंवर में कर्ण को बेवजह अपमानित न करती और कर्ण को भी स्वयंवर की प्रतियोगिता में भाग लेने देती तो कर्ण में प्रतिशोध की भावना न उत्पन्न होती।
श्रीकृष्ण ने कहा जब अर्जुन के साथ विवाह करने के बाद जब कुंती के समक्ष लाया गया तब तुम्हे कुंती की बात का विरोध नही किया था। यदि तुम ऐसा करती तो भी आज शायद परिणाम कुछ और होते ।
तुमने अपने महल में दुर्योधन को अपमानित और उसका उपहास उड़ाया, जो किसी भी दशा में उचित नही कहा जा सकता। इस कारण उसने मन में प्रतिशोध लेने का मन बना लिया था। इसी कारण तुम्हारा चीरहरण हुआ।