लिवर को साफ और स्कीन प्रोब्लम्स के लिए बहुत फायदेमंद होता है हल्दी वाला दूध पीना
हल्दी वाले दुध से मिलती है इतने रोगो पर राहत लिवर को साफ करना, स्कीन प्रोब्लम्स, ब्लड सर्कुलेशण, मोटापा, गठीया, कान दर्द, सर्दी खासी, टॉक्सिन्स निकले, अल्सर, किमोथेरेपी, हड्डी को मजबूत बनाये, महावारी दर्द, चेहरे पर निखार चमकाना इतने सारे रोगो पर हल्दी वाला दुध उपयोग में आता है.
हल्दी वाला दुध में मौजूद डीटोक्सीफयिंग गुणो के कारण यह दुध फैटी लीवर, लीवर सिरोसिस जैसी बिमारी से हमे सुरक्षा देती है और हमरे लिवर को मजबूत बनाये रखता है. यह बात बहुत कम लोगो को मालूम है की हल्दी वाला दुध से हमारे लीवर को इतने सारे फायदे मिलते है.
दुध गठीयो में लाभदायक है हल्दी वाला दुध करक्यूमिन होता है जो की एक एंटीऑक्सीडेंट होता है इसके अलावा इस में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते है जो जोडो के दर्द को और सुजन को दूर कर देता है. एक शोध के अनुसार रूमेटीइड गठिया वाले रोगी को प्रतिदिन 500 मि.ली ग्राम हल्दी का सेवन करणे से इसका परिणाम गठीया का उपचार होने में मदत मिलती है. इसीलिये बहुत सारे लोग दुध में हल्दी मिलाकर पिते है. हल्दी वाले दुध में कैल्शियम होता है जो हड्डीयो को मजबूत बनाता है. हल्दी वाले दुध से ऑस्टियोपोरेसिस रोगी को राहत मिलती है.
मौसम परिवर्तन के कारण सर्दी, खासी, जुखाम जैसे आदि सामान्य रोग है. एैसे रोगो के लक्षनो को दूर करणे के लिये आप हल्दी वाले दुध का इस्थमाल कर सकते है. हल्दी में पाये जाने वाले एंटीवायरल और एंटीबायोटिक गुणो के कारण सर्दी, खासी, जुखाम, इन्फ्लूएंजा वायरस को दूर रखने में मदत करता है. दुध आमतौर पर गले के संक्रमण को राहत देता है और खासी को रोखता है.
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये हल्दी वाले दूध काम में आ सकता है. वैज्ञानिको के अनुसार करक्यूमिन को मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्युरोट्रॉफिक कहा जाता है. यह एक एैसा हार्मोन है जो मस्तिष्क के न्यूरॉन्स की संख्या और कार्य क्षमता को बढाता है. हल्दी वाले दूध में दालचिनी का चूर्ण मिलाकर उसका सेवन करणे से मस्तिष्क में न्यूरोप्रोटेक्टिव का प्रोटीन स्तर बढ जाता है और मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखता है.