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सुबह उठकर भूल से भी नही चाहिए करें यह चार काम, पूरा दिन हो जाता है खराब

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आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान थे उनकी नीतियों का जिक्र आज भी किया जाता है. उन्होंने मनुष्य से जुडी हर छोटी से लेकर बड़ी बात का जिक्र अपनी नीतियों में किया है. उनकी नीतियों में से कुछ एक नीतियों का अगर हम अपने वर्तमान समय में पालन करे तो हमारे जीवन में किसी भी तरह का कोई कष्ट नही होगा. हमारे दिन की शुरुआत सुबह से होती है अगर सुबह हम सही से काम नही करते है तो हमारा पूरा दिन खराब चला जाता है. आज हम आपको चाणक्य द्वारा बताए गए उन कुछ कार्यो के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें आपको सुबह उठकर नही करना चाहिए.
शीशा देखना – सुबह उठकर बहुत सारे लोगो की आदत होती है कि वे उठते ही शीशा देखना शुरू कर देते है. लेकिन लोग नही जानते है कि सुबह उठकर आइना देखना उनके बुरे वक़्त को बुलावा देता है. इसलिए जो भी व्यक्ति सुबह उठकर आईने में अपना चेहरा देखता है. उसके साथ पुरे दिन फिर नकारात्मक घटनाएं घटती है और उसका पूरा दिन खराब चला जाता है. चाणक्य ने लिखा है कि सुबह उठकर कभी भी किसी को शीशा नही देखना चाहिए.
लड़ाई – सुबह जब आप सोकर उठते है या फिर अगर आप बाहर जाते है और आपको कुत्तो की आपस में लड़ाई होते हुए दिखाई दें तो ये बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता है. अगर आप 2 कुत्तो की आपस में लड़ा-ई देख लें तो आपका पूरा दिन खराब जायेगा. इसलिए अगर आपको रास्ते में ऐसा कुछ दिखाई दें तो आप उस जगह से दूर रहे और उसे इगनोर करे.

किसी का चेहरा – अक्सर लोग कहते है कि जब उसके साथ कुछ अच्छा होता है तो वह उस इंसान को याद करता है जिसका चेहरा देखकर वह उठता है. इसके अलावा अगर किसी के साथ कुछ बुरा होता है तो वह उस व्यक्ति को याद करता है जिसे देखकर वह उठा था और उसे गाली देता है. इसलिए आपको सुबह ये सोचने की बजाय की आपको किसका चेहरा देखना है आपको अपने इष्टदेव का ध्यान लगाना चाहिए इससे आपका पूरा दिन अच्छा जाता है. न कि आपको ये सोचना चाहिए कि आप किसी और का चेहरा देखें.
पशु या गाँव का नाम – सुबह जब हम सोकर उठते है तो स्नान आदि करने के बाद हम नाश्ता करते है. जब हम नाश्ता करने बैठते है तो हमारे मन में कई तरह के सवाल चल रहे होते है. ऐसे में हम किसी भी बात के बारे में सोचने लग जाते है. लेकिन आपको हम बता दें कि जब आप नाश्ता कर रहे होते है तो आपको कभी भी किसी गाँव के नाम या फिर किसी जानवर के नाम के बारे में नही सोचना है न ही आपको उनका नाम लेना है. ऐसा करना अप शगुन माना जाता है और आपका पूरा दिन खराब हो जाता है . इससे अच्छा होगा आप अपने दोनों हाथो को जोडकर भगवान का नाम लें.

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