क्या आप जानते हैं मार्च के महीने का नाम मार्च क्यों पड़ा?
दोस्तों क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि मार्च के महीने का नाम मार्च क्यों पड़ा? इसके भी एक रोचक तथ्य है चलिए हम बताते हैं। मार्च का नाम मार्टिअस से आता है, जो रोमन कैलेंडर का पहला महीना है। इसका नाम रोमन भगवान मार्स के बाद रखा गया है। मार्स को खेती का रक्षक और अपने बेटे रोम्यूलस और रेमस के ज़रिये रोमन लोगों का पूर्वज माना जाता था। मार्टिअस महीना खेती के मौसम और जंग के मौसम की शुरुआत मानी जाती थी और इस महीने में उनके सम्मान में किये गए त्योहारों को अक्टूबर में दुबारा देखा जाता है, जब इन कामों के मौसम का अंत होता है। 143 बी सी तक मार्टिअस रोमन कैलेंडर का पहला महीना ही रहा और इस महीने के पहले आधे हिस्से में किये जाने वाली कई धार्मिक गतिविधियों को नए साल के जश्न के रूप में देखा जाता था।
1 मार्च को 15वी शताब्दी तक रूस में साल का पहला महीना माना जाता था। ग्रेट ब्रिटैन और उसके शहर 1782 तक 25 मार्च का इस्तेमाल करते थे । कई संस्कृति और दूसरे धर्म अभी भी मार्च में नए साल शुरू होने का जश्न मनाते है।
उत्तर हेमिस्फर (उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में ) मार्च बसंत का पहला महीना है और दक्षिण हेमिस्फर (दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका के कुछ हिस्सों में और ओशिनिया) में यह पतझड़ का पहला महीना है।
पौराणिक रोमन रीती रिवाज़ में मार्च में 1 मार्च, 14 मार्च और 17 मार्च को अगोनियम मार्टिकले मनाया जाता है । 1 मार्च को मेट्रोनालिए, मार्च 7 को जुनवालीअ, 15 मार्च को एक्विररिअ, 14 या 15 मार्च को मामुरालीअ, 15 मार्च और फिर 22-28 मार्च को हिलारिअ और 16-17 मार्च को अर्जी, 17 मार्च को लिबरलिए और बच्चनलिए, 19-23 मार्च को किंकतरिअ पर 23 मार्च को तुबिलोस्ट्रियम मनाया जाता था। यह तारिख आज के मॉडर्न ग्रेगोरियन कैलेंडर से मेल नहीं खाती।
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