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क्या आप जानते है आपके आँगन की तुलसी राम है या श्याम ?

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मित्रों तुलसी के पौधे का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप मानकर घर के आंगन में पूजनीय स्थान दिया जाता है। तुलसी को उसके गुणों एवं रंगों के आधार पर कई प्रजातियों में बाँटा गया है इनमें से राम तुलसी और श्याम तुलसी भी एक है। आइये जाने तुलसी की प्रजातियों को।

श्यामा तुलसी के पत्तों का रंग काला होता है। इसमें कफ नाशक गुण होते हैं। यही कारण है कि इसे दवा के रूप में अधिक उपयोग में लाया जाता है।

राम के पत्तों का रंग हल्का हरा एवं भूरी छोटी मंजरियों होती है। इसलिए इसे गौरी भी कहा जाता है। इसकी गंध एवं तीक्ष्णता कम होती है।

इन वास्तु से भी बचाती है तुलसी

  • बच्चों की बुरी नजर उतरने के लिए तुलसी का प्रयोग किया जाता है।
  • कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो अग्निकोण में तुलसी के पौधे को कन्या नित्य जल अर्पण कर एक प्रदक्षिणा करने से विवाह जल्दी और अनुकूल स्थान में होता है।
  • यदि कारोबार ठीक नहीं चल रहा हो तो दक्षिण-पश्चिम में रखे तुलसी के गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करें और मिठाई का भोग रखकर किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से व्यवसाय में सफलता मिलती है।
  • तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है। पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से पुत्र यदि जिद्दी हो तो उसका हठ दूर हो जाता है।
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