ट्रेन में यात्रा करने पर बिना टिकट पकड़े जाएँ तो घबराएं नहीं, बल्कि कर ले यह छोटा सा काम
ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करना दंडनीय अपराध है, यह तो हम सभी जानते हैं। ऐसी स्थिति में हमेशा ही टीटी द्वारा पकड़े जाने का डर बना रहता है। कभी-कभी ऐसी परिस्थिति हमारे सामने आ जाती है, कि किन्ही कारणवश हम टिकट नहीं ले पाते हैं और बिना टिकट यात्रा करना पड़ जाता है।
ऐसी स्थिति में पूरी यात्रा के दौरान इस बात का डर बना रहता है कि कहीं टीटी द्वारा हम पकड़े ना जाए। परंतु अब अगर इस प्रकार की परिस्थिति आपके सामने आती है तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योकि भारत सरकार रेल यात्रियों के लिए एक खास तोहफा लेकर आई है। अब ट्रेन छूट जाने के डर से बिना टिकट लिए ट्रेन में चढ़ने वालों को अब चलती गाड़ी में भी टिकट देने की व्यवस्था की जा रही है।
जानकारी के अनुसार एक हैंड हेल्ड मशीन रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के सर्वर से कनेक्ट होगी। जिसके द्वारा नाम और जगह डालते ही टिकट निकल आएगी। और यही नहीं इस मशीन की मदद से ट्रेन में मौजूद खाली बर्थ के बारे में भी पता लगाया जा सकेगा। यदि किसी यात्री की वेटिंग क्लियर नहीं हुई है तो वह टीटीई के पास जाकर अपनी टिकट दिखाकर खाली सीट की जानकारी लेकर उसे कन्फर्म करा सकता है।
जानकारी के मुताबिक फिलहाल इस सुविधा की शुरुआत, शुरुआती दौर में सुपरफास्ट ट्रेनों में की जाएगी और बाद में बड़े पैमाने पर इस सुविधा को लागू किया जाएगा। रेल मंत्री का कहना है, यदि इसके परिणाम अच्छे निकले तो जल्द ही लंबी दूरी की अन्य ट्रेनों में भी इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। रेलवे ने अब बिना टिकट के यात्रियो को ट्रेन में चढ़ने पर भी जुर्माना नहीं देना होगा।
अगर किसी कारणवश आप बिना टिकट लिए ट्रेन में चढ़ जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में आप टीटी को ₹10 अतिरिक्त शुल्क के साथ वाजिफ़ किराया देकर टिकट प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस सुविधा के शुरू होने से आप बिना टिकट यात्रा के दौरान ट्रेन के अंदर सामने आने वाली कई समस्याओं से बच सकते हैं।
इस बात का भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस सुविधा के शुरू होने के बाद टीटीई का गोरखधंधा भी खत्म होने के आसार है। दरअसल ट्रेन छूटने की हालत में अक्सर लोग बिना टिकट लिए ट्रेन में चढ़ जाते थे और ट्रेन के अंदर टीटीई उनसे मनमाना पैसा वसूलते थे। इतना ही नहीं वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को बर्थ खाली ना होने की बात करके दूसरों से पैसा लेकर वो उन्हें सीट मुहैया कराते थे।
रेलवे द्वारा लिए गए इस फैसले से जहां एक तरफ यात्रियों को सुविधा उपलब्ध होगी उसके साथ ही टीटीई की अंधाधुंध कमाई पर रोक लगेगी, जो भ्रष्टाचार को रोकने का भी एक कदम साबित हो सकता है।
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