नवदुर्गा – मां दुर्गा के नौ रूपों के नाम और उनकी महिमा
शैलपुत्री- ये ब्रह्मा, विष्णु और शिवा का अवतार है। शैलापुत्री माँ वृषभ के ऊपर सवार होकर अपने साथ त्रिशूल और दोनों हाथों में फूल रखती है।
ब्रह्मचारिणी- ये अपनी सच्ची तपस्या के लिए जानी जाती है। कल्याण और खुशी के कारण इस माता के ज़रिए मोक्ष की प्राप्ती होती है।
चंद्रघंटा- ये बहादुरी के लिए प्रेरित है। इन माता के दस हाथ होते है। ये सारी काली शक्तियों को दूर कर देती है।
कूष्मांडा- ये शेर पर बैठती है और इनके आठ हाथ होते है। इनका निवास सौर खण्ड पर होता है।
स्कंदमाता- ये अग्नि देवता है। इनके चार हाथ और तीन आँखें होती है। ये शेर पर चलती है।
कत्यायनी- ये व्रिंदावन की चुनी हुई माता है। इनके चार हाथ और तीन आँखें है। ये माता शेर पर बैठती है।
कालरात्री- ये चार हाथों वाली माता गर्दभ पर बैठती है। ये अपने भक्तों का अंधेरा दूर करती है, और उन्हें उनके दुखों और डर से आज़ादी देती है।
महागौरी- ये एक आठ साल की लड़की की तरह है। ये समझदार और शांति का प्रतीक है। इनकी तीन आँखें और चार हाथ है। ये वृषभ पर सवार होती है।
सिद्वीदात्री- इनको गौरव के लिए पूजा जाता है। ये कमल पर विराजमान होती है और इनके चार हाथ होते है।