इस राशि में पहुँचे देवगुरु बृहस्पति, इन राशियों पर होगा असर
वृश्चिक , 9 दिसम्बर 2020 को शाम को 7 बजकर 19 मिनट और 40 सेकंड पर वृश्चिक राशि में प्रवेश होगा। गुरु हर 13 महीने मे राशि परिवर्तन करता है और 13 वर्षो मे बारह राशियों का एक चक्कर पूर्ण करता है।
यह गुरु का राशि परिवर्तन हमारे वातावरण, हमारे देश एवं अन्य सभी राशियों पर क्या प्रभाव डालने अग्नि तत्व का विशाल ग्रह जिसका गुरुत्वाकर्षण बहुत ज्यादा है| बृहस्पति का स्वभाव आदर्श ब्राह्मण, अध्यापक का स्वभाव दर्शाया गया है यह पूर्ण रूप से अध्यात्मिक प्रवृत्ति वाला एवं स्वाभिमान से परिपूर्ण ग्रह है।
9 दिसम्बर 2020 को बृहस्पति का वृश्चिक राशि में प्रवेश भारत के व्यापारियों के लिए और भारत की अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक कहा जाएगा क्योंकि तुला राशि से बृहस्पति हटकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएगा। आईए चर्चा करते हैं इस गोचर के बृहस्पति का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होता है।
मेष राशि के लिए अष्टमस्थ बृहस्पति अच्छा नहीं कहा जाएगा क्योंकि बृहस्पति का कमजोर होना उदर विकार में दिक्कतें दे सकता है। पारिवारिक तनाव का भी सूचक हो सकता है। महत्वपूर्ण भावनात्मक संबंधों में कष्ट का सूचक हो सकता है।
महिलाएं विपरीत लिंगी संबंधों में बहुत ही सोच समझ कर के विश्वास करें अन्यथा भावनात्मक शोषण की आशंका हो सकती है| विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष थोड़ा कठिन परिश्रम का हो सकता है। इस दौरान भावनाओं पर नियंत्रण रखने की चेष्टा करनी चाहिए। शेष पूरा वर्ष सामान्य फलदाई होगा। और लाभप्रद भी होगा।
वृश्चिक राशि वालों के लिए राशि में स्थित बृहस्पति आपके मन को धार्मिक एवं आध्यात्मिक रुचि की ओर केंद्रित करेगा। आप के अंदर रचनात्मक क्षमताओं की भी वृद्धि करेगा| अध्यापक, शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिए काफी लाभप्रद है अतः इस समय का भरपूर लाभ उठावें। साथ ही साथ मन में सुख और संतोष का वास होगा।
कर्क राशि वालों के लिए वृश्चिक का बृहस्पति काफी शुभ फलदाई है। पूरे वर्ष मन को अध्यात्म में लीन करेगा। मन अच्छे विचारों से प्रभावित रहेगा और कर्तव्यों के प्रति केंद्रित होगा। अलबत्ता पुरानी बातों को सोच के थोड़ा बहुत परेशान हो सकते हैं या किसी खोए हुए रिश्ते को लेकर के परेशान हो सकते हैं। मन में ईश्वरी सत्ता के प्रति आस्था बढ़ेगी और अध्यात्म की ओर झुकाव होगा।
मेष राशि के लिए अष्टमस्थ बृहस्पति अच्छा नहीं कहा जाएगा क्योंकि बृहस्पति का कमजोर होना उदर विकार में दिक्कतें दे सकता है। पारिवारिक तनाव का भी सूचक हो सकता है। महत्वपूर्ण भावनात्मक संबंधों में कष्ट का सूचक हो सकता है।
महिलाएं विपरीत लिंगी संबंधों में बहुत ही सोच समझ कर के विश्वास करें अन्यथा भावनात्मक शोषण की आशंका हो सकती है| विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष थोड़ा कठिन परिश्रम का हो सकता है। समय थोड़ा प्रतिकूल हो सकता है इस दौरान भावनाओं पर नियंत्रण रखने की चेष्टा करनी चाहिए। शेष पूरा वर्ष सामान्य फलदाई होगा। और लाभप्रद भी होगा।