सिनेमा के इतिहास में देव आनंद के खास डायलॉग्स, काफी सफल और यादगार है
देवानंद बॉलीवुड के जाने-माने और मशहूर अभिनेता हैं और साथ में इनकी गिनती सफल अभिनेताओं में की जाती है अगर हम उनके फिल्मी कैरियर की बात करें तो उनका करियर काफी सफल और यादगार का है और साथ में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम भी किया है लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम हुआ कि देव आनंद ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1942 साल में किया था इसके अलावा देव आनंद का जन्म 1923 में पंजाब में हुआ था
और एक जान से परिवहन में उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई की और उसके बाद वह कई दिनों तक फौज में चिट्ठी पढ़ने का काम किया करते थे इसके बाद वह मुंबई आ गए और जहां पर वह फिल्मों में अपना तकदीर आजमाने के लिए प्रयास करने लगे और 1946 में उनकी पहली सुपरहिट फिल्म हम एक हैं रिलीज हुई जिसके बाद देवानंद का करियर थोड़ा रफ्तार की ओर पहुंचने लगा देवानंद ने अपने करियर में सभी दशक के हीरोइनों के साथ ऑनस्क्रीन रोमांस और उनके साथ कार्य किया था
आगे चलकर देवानंद ने अपनी खुद की पड़ोसन फिल्म भी बनाई जा उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों का निर्माण भी किया था और उनके दोनों भाई इन प्रोडक्शन हाउस का काम देखते थे अगर हम देवानंद की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो उन्होंने मशहूर अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी कर ली थी और इसके अलावा उनका ऑफ राजा मशहूर अभिनेत्री सुरैया के साथ भी काफी दिनों तक चला लेकिन उनकी बात शादी तक नहीं पहुंच पाई और उनका दिल टूट गया था मैं आज उनके फिल्मों के कई जबरदस्त डायलॉग आपके लिए लेकर आया हूं चलिए मैं उन डायल को के बारे में आपको बताता हूं।
लगता है आज हर इच्छा पूरी होगी..पर मजा देखो, आज कोई इच्छा ही नहीं रही’
‘जॉनी बुरे काम तो करता है लेकिन इमान के साथ’, ‘जिंदगी के दो हिस्से होते हैं.. एक सवाल दूसरा जवाब’
‘बेकरारी हद से बढ़ जाए उसे सदा कहते हैं और वादा करके देर से आने को अदा कहते हैं’
‘इंसान बड़ी चीज के पीछे वक्त आने पर छोटी चीज को छोड़ सकता है’
‘जेल की दीवार को तोड़कर भाग जाना आसान है लेकिन प्यार और दोस्ती की दीवार को फांदना नामुमकिन है’
‘मौत एक ख्याल है जैसे जिंदगी एक ख्याल है’
‘जो आदमी अपने नसीब को कोसता रहता है, उसका नसीब भी उसको कोसने लगता है’
‘मैं जुबान से लफ्जों की तस्वीर खींचता हूं, अतीत तो सब दिखाते है, मैं कभी-कभी भविष्य भी दिखाता हूं।