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मानसिक रोगी के लिए ज़रूरी सलाह

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मानसिक रोग क्या है?

विशेषज्ञों का कहना है कि जब एक व्यक्‍ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है।

किसी को मानसिक रोग होने का कारण यह नहीं कि उसमें कोई दोष है

मानसिक रोग के लक्षण, हर व्यक्‍ति में अलग-अलग हो सकते हैं। ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसके हालात कैसे हैं और उसे कौन-सी मानसिक बीमारी है। कुछ लोगों में इसके लक्षण लंबे समय तक रहते हैं और साफ नज़र आते हैं, जबकि कुछ लोगों में शायद थोड़े समय के लिए हों और साफ नज़र न आएँ। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, फिर चाहे वह आदमी हो या औरत, जवान हो या बुज़ुर्ग, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़, या चाहे वह किसी भी संस्कृति, जाति, धर्म, या तबके का हो। किसी को मानसिक रोग होने का कारण यह नहीं कि उसमें कोई दोष है। अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल ज़िंदगी जी सकता है।

मानसिक रोग का इलाज करवाएँ

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ज़्यादातर मानसिक बीमारियाँ ठीक कर सकते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि सबसे पहले आप एक अच्छे और अनुभवी डॉक्टर से जाँच करवाएँ।

जाँच के बाद रोगी को फायदा तभी होगा जब वह सही इलाज करवाए। इसका मतलब, उसे अपनी बीमारी के बारे में दूसरों से बात करने में झिझक महसूस नहीं करनी चाहिए। इलाज करवाने के लिए शायद रोगी को एक अच्छे डॉक्टर से बात करनी पड़े। डॉक्टर उसे उसकी बीमारी के बारे में अच्छी तरह समझा सकते हैं। साथ ही, वह उसे रोज़मर्रा की समस्याओं से निपटने के लिए कुछ व्यावहारिक सलाह दे सकता है और इस बात की अहमियत समझा सकता है कि क्यों इलाज बीच में न छोड़ें। डॉक्टर से सलाह-मशविरा करते वक्‍त अच्छा होगा अगर परिवार का कोई सदस्य या दोस्त साथ में हो, ताकि वह बीमार व्यक्‍ति को सहारा और दिलासा दे सके।

मानसिक रोग से कैसे लड़ें

  1. मानसिक रोग का इलाज करनेवाले डॉक्टरों के बताये तरीके से इलाज करवाइए। *

  2. रोज़मर्रा के काम कभी बहुत ज़्यादा तो कभी बहुत कम मत कीजिए, बल्कि संतुलन बनाए रखिए और नियमित तौर पर करते रहिए।

  3. शरीर को चुस्त रखनेवाले काम कीजिए।

  4. एसिडिटी ना होने दें (ये एक सत्य है कि एसिडिटी से अवसाद बढ़ता है)
  5. भरपूर नींद लीजिए।

  6. हर दिन थोड़ा आराम कीजिए।

  7. सही मात्रा में पौष्टिक भोजन लीजिए।

  8. शराब का सेवन कम कीजिए और डॉक्टर ने जो दवाई लेने को नहीं कहा, उसे मत लीजिए।

  9. अकेले मत रहिए, बल्कि उन लोगों के साथ समय बिताइए जिन पर आपको भरोसा है और जो आपकी परवाह करते हैं।

  10. धर्मं कर्म से जुड़ी बातों पर ध्यान दीजिए।

  11. यदि दवा लेना चाहें तो होम्योपैथी की “kali phos 6x” की चार चार गोलियां दिन में तीन बार एक चौथाई कप गुनगुने पानी के साथ लें
    आपको सोकर उठने के बाद भी ताजापन महसूस नहीं होता है

संभावित कारण
अत्यधिक सोच विचार
एक बार ब्लड शुगर की जांच करवा लीजिये. खाना खाने के दो घंटे बाद करवानी है. खाना खाकर उठते ही समय नोट कर लें.

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