गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय की राय
इलाहाबाद , 2 सितम्बर 2021. गाय हिन्दुस्तानी संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसलिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि गायों को मूल अधिकार देने के लिए केंद्र को संसद में एक विधेयक लाना चाहिए और गायों को परेशान करने वालों को कड़ी सजा का प्रस्ताव देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के जावेद नाम के एक व्यक्ति पर राज्य के गोहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जावेद फिलहाल हिरासत में है और उसने जमानत के लिए आवेदन किया है। न्याय याचिका सुनवाई के लिए शेखर कुमार यादव की पीठ के समक्ष आई। इस बार पीठ ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए गाय के बारे में स्पष्ट राय दी। गाय देश की संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसलिए कोर्ट ने कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि पेंड्रा सरकार को गायों को मौलिक अधिकार देने के लिए संसद में एक विधेयक लाना चाहिए और गायों को परेशान करने वालों को कड़ी सजा का भी प्रस्ताव देना चाहिए.
मवेशियों की रक्षा का जिम्मा किसी धार्मिक समूह का नहीं बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक का है। फिर चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो। गाय अच्छी होगी तो देश भी अच्छा होगा। हिन्दुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि हालांकि उनकी अलग-अलग मान्यताएं थीं, लेकिन देश के संदर्भ में उनके विचार समान थे।