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कोरोना वैक्सीन की लेट डोज से देती है 200% तक एंटीबॉडी: रिसर्च

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कोरोना वैक्सीन की कमी के बाद कुछ देशों ने दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाने की घोषणा की है। इस फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञ इस फैसले को यह कहकर सही ठहराते हैं कि नए शोध से पता चलता है कि देर से वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने से शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। भारत में भी कोविशील्ड की दो खुराक के बीच का अंतराल 12 सांस से बढ़ाकर 12 सांस कर दिया गया है।

वैक्सीन की दूसरी खुराक न सिर्फ ज्यादा लोगों को देर से दी जा सकती है, बल्कि नए शोध से पता चलता है कि वैक्सीन इम्यूनिटी को बढ़ा सकती है। पहली खुराक लेने के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली के पास प्रतिक्रिया करने के लिए अधिक समय हो सकता है। अगर दूसरी खुराक को थोड़ा और दूर ले लिया जाए तो वायरस से लड़ने के लिए 20 से 200 फीसदी ज्यादा एंटीबॉडीज मिल जाती हैं।

टीकाकरण की कमी के कारण देरी का सामना कर रहे देशों के लिए यह राहत की खबर है। एक वायरोलॉजिस्ट और वैक्सीन रिसर्च ग्रुप, मेयो क्लिनिक के निदेशक ग्रेगरी पोलैंड ने कहा कि अगर हाटप ऐसा करने में सक्षम होता, तो वह एक समय में एक बटन दबाकर एक खुराक देता और फिर दूसरी। जब 2020 के अंत में टीकाकरण शुरू हुआ, तो दीर्घकालिक टीकाकरण का कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं था। अंग्रेजों ने पहले दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाया, जिसकी आलोचना की गई लेकिन यह प्रभावी साबित हुआ। शोध से पता चला है कि पहली खुराक शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है। फिर जितनी देर दूसरी खुराक ली जाती है, उतनी ही अधिक प्रतिरक्षा प्रणाली परिपक्व होती है।

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