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बिना वेंटिलेशन वाले कमरे में हवा से दूर-दूर तक फैल सकता है कोरोना: स्टडी में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली । 04 जुलाई, 2021, रविवार | कोरोना वायरस पर कई अध्ययन हुए हैं। दावे अलग-अलग हैं लेकिन वायरस की प्रकृति को समझना उपयोगी है। भारत में सीएसआईआर द्वारा एक अध्ययन भी किया गया है। उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या कोरोना हवा से फैल सकता है।

सीएसआईआर की एक स्टडी के मुताबिक, कोरोना हवा से फैल सकता है लेकिन कमरे में अच्छा वेंटिलेशन हो तो इस खतरे को कम किया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार, जिन कमरों में वेंटिलेशन नहीं है, उनमें कोरोना हवा से दूर तक जा सकता है।

प्राकृतिक वातावरण में कोरोना वायरस ज्यादा दूर नहीं जाता है, स्टडी के मुताबिक मरीज में लक्षण न होने पर भी खतरा और कम हो जाता है। हालांकि स्टडी में सबसे ज्यादा जोर कोरोना के इंडोर ट्रांसमिशन पर दिया गया है। यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि क्या बंद कमरे में हवा से कोरोना फैल सकता है। अध्ययन अब दो पहलुओं पर केंद्रित है। सबसे पहले अगर कमरे की खिड़कियां खोल दी जाएं तो कोरोना के संचरण को कम किया जा सकता है। सिर्फ वेंटिलेशन पर ध्यान देने से जोखिम आधा हो सकता है।

अध्ययन के निष्कर्ष

अध्ययन का एक अन्य पहलू यह है कि जब बंद कमरे में कोरोनरी हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। स्टडी के मुताबिक अगर बंद कमरे में कोविड मरीजों की संख्या ज्यादा है तो कोई दूसरा व्यक्ति हवा के जरिए संक्रमित हो सकता है. दरअसल सीएसआईआर द्वारा कोविड और नॉन-कोविड, आईसीयू और गैर-आईसीयू कमरों से हवा के नमूनों का परीक्षण किया गया था। इसके बाद बंद कमरे में मौजूद कोविड मरीजों पर प्रयोग किया गया। अध्ययन में पाया गया कि अगर बंद कमरे में कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा है तो हवा के जरिए एक से दूसरे में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अगर कमरे का वेंटिलेशन ठीक से किया जाए तो जोखिम को कम किया जा सकता है।

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