centered image />

Cooking oil | खाना पकाने का तेल जो कैंसर का कारण बन सकता है?

0 224
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

Cooking oil | भारत में कई लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है, ज्यादातर लोगों के लिए यह बीमारी घातक है क्योंकि इसके लक्षणों का शुरुआती दौर में पता नहीं चल पाता है। कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे का मुख्य कारण आपका गलत खान-पान (Wrong eating habits) है। सबसे पहले, आपको यह देखना होगा कि खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला खाना पकाने का तेल (dangerous cooking oil causing cancer) कितना स्वस्थ है ।

खाना पकाने का तेल कैंसर का कारण बन सकता है

तेल का उपयोग किए बिना भारतीय व्यंजनों की कल्पना नहीं की जा सकती है, लेकिन अगर आप खाना पकाने के लिए बहुत अधिक तेल का उपयोग करते हैं, तो यह शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है (dangerous cooking oil causing cancer)। उच्च तापमान पर गर्म किया गया भोजन शरीर के पीएच स्तर को अनियंत्रित (अनियंत्रित पीएच स्तर) बना देता है, जिससे पेट की चर्बी, अपच, गैस, कब्ज (Dangerous cooking oil) जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

कई शोधों में पाया गया है कि अगर खाने में सैचुरेटेड फैट का ज्यादा इस्तेमाल हो या वनस्पति तेल का ज्यादा इस्तेमाल हो तो यह बेहद खतरनाक अभ्यास है। ऐसे खाद्य तेल को अपनी रसोई से तुरंत हटा दें नहीं तो यह कैंसर का कारण बन सकता है।

इन तेलों से रहे दूर (Stay Away From These Oils)

यदि सूरजमुखी, सोयाबीन और ताड़ का तेल (Palm-Soybean-Sunflower-Vegetable-Vegetable Oil) बहुत गर्म हो जाता है, तो यह एल्डिहाइड रसायन छोड़ना शुरू कर देता है, जो कैंसर पैदा करने वाले एजेंट हैं। चूंकि यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं के निर्माण का कारण बनता है, इसलिए इन तेलों का उपयोग तुरंत बंद कर देना बेहतर है।

कुछ खाना पकाने के तेल पॉलीअनसेचुरेटेड वसा में बहुत अधिक होते हैं। यदि इसे उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है, तो यह एल्डिहाइड में बदल जाता है। डिमोनफोर्ट यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कुछ तेलों में दैनिक खपत की सीमा से 200 गुना अधिक एल्डिहाइड होता है।

कौन सा तेल इस्तेमाल करना है?

कुछ ऐसे तेल हैं जिनके सेवन से कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है,
जिसमें घी, सफेद मक्खन, जैतून का तेल शामिल है।
जब इस तेल को गर्म किया जाता है तो कम एल्डिहाइड बनते हैं। तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से न केवल कैंसर से बचाव होता है
यह मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है।

(अस्वीकरण : हम उपरोक्त लेख में उल्लिखित किसी भी प्रथा, विधियों या दावों का समर्थन नहीं करते हैं।
उन्हें केवल सलाह के रूप में लिया जाना चाहिए। ऐसे किसी भी उपचार/दवा/आहार को लागू करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।)

और ये भी पढ़ें :

Electric Scooter: अमेरिकी कंपनी जल्द ही भारत में हाइड्रोजन से चलने वाला इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करेगी

LPG Gas Price News: घरेलू गैस की कीमतों में आया बड़ा बदलाव, देखें नई कीमतें

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.