चाणक्य नीति: किसी भी पुरुष को यह घटना आग से भी ज्यादा तड़पाती है
सुनकर काफी अजीब लग रहा होगा कि क्या कोई ऐसी भी चीज हो सकती है जो इंसान को आग से भी ज्यादा तकलीफ दे सके। लेकिन आपको बता दूं कि यह एक ऐसी दुनिया है जहां मायाजाल का पूरा जाल ऐसे फैला हुआ है जिसकी हम कल्पना भी नही कर सकते।
हर इंसान एक बेहतर जिंदगी की आश रखता है और उसका यही सोचना रहता है कि कभी उसे कोई तकलीफ न होने पाए। लेकिन सभी की सभी इच्छाएं पूरी नही हो सकती। आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी भी इंसान को यह घटना आग से भी ज्यादा तड़पाती है। आइये जानते हैं वो कौन सी घटना है जो आग से भी बढ़ कर तड़पाने वाली है।
पुत्री का विवाह और पुत्र का अपने पैरों पर खड़ा होना एक पुरुष के लिए बहुत ही बड़ा परीक्षा होता है। हर इंसान जो कि एक बाप है उसे सबसे ज्यादा यही बात सताती है जब उसका औलाद जवान हो जाता है।
अपने संतान को खुद के जीवन मे स्थायित्व देखना उसे खुश देखना हर इंसान की ख्वाइश होती है यदि किसी कारणवश यह इच्छा पूरी न हो पाए तो यही बात उस व्यक्ति को आग से भी ज्यादा तड़पाती है।