चाणक्य नीति, जरूरत पड़ने पर रिश्तेदार भी बन जाते हैं दुश्मन, जानिए इसके पीछे की वजह
चाणक्य नीति बहुत सी बातों का उल्लेख किया गया है जो सभी के लिए प्रासंगिक मानी जाती हैं। चाहे वह आपके दोस्त, रिश्तेदार या माता-पिता के साथ हो। चाणक्य नीति ने अपनी नीतियों में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया है जो इतनी दयालु नहीं हैं लेकिन समय के साथ-साथ आपका साथ छोड़ देती हैं और आपकी दुश्मन बन जाती हैं।
चाणक्य इस श्लोक का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि कुछ विशेष परिस्थितियों में माता, पुत्र, पत्नी, पति आदि आपके शत्रु बन जाते हैं। उनका कहना है कि एक पिता जो कर्ज लेता है और उसे कभी चुकाता नहीं है और अपने बेटे पर बोझ डालता है, वह हमेशा बच्चों के लिए परेशानी का कारण होता है।
कहा जाता है कि मां कभी भी अपने बच्चों में भेदभाव नहीं करती है। परन्तु जो ऐसा करता है वह अपने बच्चों का शत्रु है। साथ ही पति के अलावा किसी और से संबंध रखने वाली स्त्री अपने बच्चों की भी दुश्मन होती है।
अगर आपकी पत्नी बहुत खूबसूरत है तो कई बार वह परेशानी का कारण भी बन जाती है। ऐसे में उन्हें सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। अगर पति पत्नी की तुलना में सुंदर ना हो तो दोनों के बीच का यह अंतर भी झगड़े का कारण बन जाता है।
जो बच्चे मानसिक रूप से परेशान होते हैं, कुछ माता-पिता के लिए ऐसे बच्चे एक बोझ की तरह होते हैं, जिसे वे जीवन भर ढोते हैं। यह उनके लिए एक तरह का अभिशाप है। वे ऐसे बच्चे को दुश्मन के रूप में देखते हैं।
👉 Important Link 👈 |
👉 Join Our Telegram Channel 👈 |
👉 Sarkari Yojana 👈 |