चाणक्य नीति: ऐसे माँ बाप अपने संतानों के शत्रु होते हैं
हर मां बाप को इस दुनिया मे अगर सबसे ज्यादा कोई प्यारा होता है तो वो है उसकी सन्तान। माँ बाप अपनी संतान के लिए क्या नही करते। उनके खुशी के लिए हर मां बाप खुद को काफी परेशानियों में डाल कर भी अपने बच्चों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
अब बात आती है कि जब माँ बाप ऐसे होते हैं तो फिर वे अपने संतानों के शत्रु कैसे हुए। आज हम इसी के बारे में आपको समझाने की कोशिश करेंगे। तो आइये जानते हैं।
दुनिया मे जो भी इंसान आया है उसे तालीम हासिल करना बहुत ही जरूरी है। इल्म एक ऐसा दौलत है जिसके जरिये इंसान दुनिया पर फतह प्राप्त कर सकता है। इसलिए इल्म सीखना बहुत ही जरूरी है।
ऐसे माँ बाप जो अपनी औलादों की हद से ज्यादा प्यार तो करते हैं लेकिन उन्हें इल्म हासिल करने के लिए स्कूल नही भेजते और उनके पढ़ाई पर ध्यान नही देते ऐसे मां बाप को आचार्य चाणक्य ने अपने सन्तानों का शत्रु बताये हैं। हर मां बाप का ये फर्ज है कि वह अपने संतानों को इल्म की दौलत से नवाजे ताकि उसकी जिंदगी बर्बाद होने से बच जाए।