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चाणक्य नीति: इन 3 कारणों, से ही पत्नी-पत्नी के रिश्ते हो जाते हैं बर्बाद

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चाणक्य नीति की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य ने विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी. बाद में चाणक्य ने इसी विश्व विद्यालय में शिक्षक बने. चाणक्य विभिन्न विषयों के जानकार थे. चाणक्य को राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र की बहुत ही गहरी जानकारी थे. इसके साथ ही चाणक्य सैन्य शास्त्र में भी निपुण थे.

चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाले हर विषय का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य का मानना था कि जीवन को यदि सुखमय जीना है तो दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहनी चाहिए. पति और पत्नी के रिश्ते में मिठास बनी रही है इसके लिए चाणक्य की इन बातों को जानना बहुत ही जरूरी है-

चाणक्य नीति: इन 3 कारणों, से

एक दूसरे की ताकत बनें

चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी को एक दूसरे की शक्ति बनना चाहिए. जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. जीवन में आने वाली परेशानियों का जो मिलकर मुकाबला करते हैं वे सदैव सफलता प्राप्त करते हैं. इसलिए एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते रहना चाहिए.

हर विषय पर खुलकर बात करें.

चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्तें संवाद शून्यता कभी नहीं आनी चाहिए. हर महत्वपूर्ण विषय पर खुलकर बात करने की आदत डालनी चाहिए. बातचीत से बड़ी से बड़ी समस्याओं को हल किया जा सकता है. इसलिए एक सुखद माहौल में वार्तालाप की संस्कृति विकसित रहनी चाहिए.

आदर सम्मान में कमी न रखें

चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी के रिश्तें में आदर सम्मान का विशेष महत्व है. इस रिश्ते में दोनों का सम्मान बराबर होता है. इसलिए संबंधों की मर्यादा के अनुसार मान सम्मान और आदर देने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से प्रेम बढ़ता है. और हर चुनौती का डटकर मुकाबला करने का आत्मविश्वास बना रहता है.

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