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मालकांगनी के बीज- पहले दिन 1, दूसरे दिन 2 और तीसरे दिन 3, इसी प्रकार 21 दिनों तक 21 बीजों तक पहुंच जायें। फिर इसी प्रकार घटाते हुए। आखिर तक पहुंच जायें। उपरोक्त बीज निगलकर ऊपर से दूध पीयें। इससे दिमाग की कमज़ोरी के कारण आने वाले चक्कर दूर हो जाते हैं।
मालकांगनी का चूर्ण 3 ग्राम प्रातः सायं दूध से लेने से ( एक बड़ी चाय की चम्मच ) दिमाग की कमजोरी दूर होती है
50 ग्राम शंखपुष्पी और 50 ग्राम मिश्री को पीस कर चुर्ण बना लें। 6 ग्राम चूर्ण प्रातः काल गाय के दूध के साथ खाने से चक्करों का आना बन्द हो जाता है।
बच का 4 ग्राम चूर्ण खाकर ऊपर से दूध पीने से दिमाग को शाक्ति मिलती है।
5 से 10 बूंद तक मालकांगनी का तेल मक्खन या मलाई में डालकर खाने से दिमाग की कमजोरी दूर होकर चक्करों का आना बन्द हो जाता है।
शंरवाहूली बुटी 7 ग्राम और 7 दाने काली मिर्च को ठण्डाई की तरह घोटकर, मिश्री मिलाकर पीने से चक्करों का आना बन्द हो जाता है।
सौंफ 6 ग्राम, 7 बादाम की गिरी और 6 ग्राम मिश्री का चूर्ण बनाकर रात को दूध के साथ सेवन करने से दिमाग की कमजोरी दूर होकर चक्कर आने बन्द हो जाते है। पूरे सवा महीने इसका सेवन करें
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