centered image />

सावधान नाक से खून आना बहुत ही बुरी किस्म की नक्सीर होती है, ईश्वर इससे बचाए रखें

0 793
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

घातक नक्सीर

यह बहुत ही बुरी किस्म की नक्सीर होती है, ईश्वर इससे बचाए रखें। इसका खून किसी प्रकार बन्द होने में ही नहीं आता, वैद्य तो इलाज करते-करते थक जाते है, किन्तु खून बराबर जारी रहता है और देखते देखते रोगी सबको बिलखता छोड़कर सुर-पुर सिधार जाता है। इस रोग के लिए हमें हकीम शाह नागपुरी ने अपना विशेष खानदानी नुसखा भेंट किया है, जिसको अभी तक सिवाय हकीम के कुटुम्बजनों के और कोई नहीं जानता और मैं भी अपने स्वाध्याय के आधार पर कह सकता हूॅ कि यह प्रयोग सम्भवतः अभी तक किसी वैद्यक पत्र या पुस्तक के पृष्ठों की शोभा नहीं बना, बल्कि हकीम साहिब के खानदान में ही चला आता है।

प्रयोग-

सफेद कांच आवश्यकतानुसार लेकर लोहे के हमामदस्ते में कूटे और फिर लोहे की कड़हाई में डालकर लोंहे के हथोंडे से विशुद्ध सिरका मिलाकर खरल करते रहे, यहां तक कि सूक्ष्म लेप तैयार हो जावे। फिर रोगी के तालू के बाल मुडंवाकर ऊपर लेप कर दें और मलमल के साफ कपड़े को सिरके में तर करके लेप के ऊपर रखें। जब कपड़ा खुश्क होने लगे तो और सिरका डालकर फिर आयु पर्यन्त इस प्रकार कभी जारी न होगा। यह प्रयोग उस समय अक्सीर सिद्ध होता है, जब कि नासिक मार्ग से रक्त बहुत अधिकता से बहता हो, और यदि नाक को बन्द कर दिया जावे तो मुख द्वारा सेरो खून निकलने लगे।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.