यह पढ़कर आप भूल कर भी बच्चों को मीठा ज़हर नहीं दोगे
जो पेरेंट्स अपने बच्चों को चीनी से बनी मिठाइयां, टाॅफियां, चुइंगम, आइसक्रीम, कुल्फी, चाॅकलेट आदि प्यार से अथवा अनजाने ही खिलाते हैं। यह बहुत ही हानिकारक है। दांत और मसूढ़े तथा पाचनतंत्र सम्बंधी रोग जैसे कि, भूख न लगना, चर्म रोग, आदि चीनी के खाने से ही होते हैं। विदेश में जो कलरफुल टाॅफी मिलती है। उनमें कितने ही कलरफुल सुंगधित फलेवर मिलाये जाते हैं। जिस पर सैक्रीन जो चीनी से 550 गुना मीठा पदार्थ है उसका उपयोग भी इसमें होता है। जो एक धीमा जहर है। ब्रिटेन में व्यक्तिगत एक किलोग्राम आइसक्रीम एक महीने में खाई जाती है। जिसके कारण दांत के रोग वहां इतने अधिक बढ़ गये कि सरकार ने वहां आइसक्रीम की ब्रिकी से अधिक टेक्स लगा दिया है।
चीनी के संबंध में वैज्ञानिकों के मत

‘हदयरोग के लिए चर्बी जितनी ही जिम्मेदार है उतनी ही चीनी है। काॅफी पीने वाले को काॅफी इतनी हानिकारक नहीं जितनी उसमें चीनी हानि करती है’’
– प्रो. जोन युदकिन, लंदन
‘सफेद चीनी एक प्रकार का नशा है और शरीर पर वह गहरा गंभीर प्रभाव डालता है’’
– प्रो. लिडा क्लाॅर्क
‘सफेद चीनी को चमकदार बनाने की क्रिया में चूना, कार्बन डायोक्साइड, कैल्शियम, फोस्फेट, फोस्कोरिक एसिड, अल्ट्रा मरिन ब्लू, त्था पशुओ की हडिृडयों का चूर्ण उपयोग में लिया जाता है। चीनी को इतनी गर्म की जाती है कि उसमें प्रोटीन खत्म हो जाते है। जिससे की यह जहर बन जाता है।
सफेद चीनी लाल मिर्च से भी अधिक हानिकारक है। उसमें वीर्य पानी-सा पतला होकर स्वप्नदोष, रक्तदबाव, प्रमेह और मुत्र विकार का जन्म होता है। वीर्यदोष से ग्रस्त पुरूष और प्रदर दोष रोग से ग्रस्त महिलाए चीनी का त्याग करके अद्भुत फायदा उठाती है।
-डाॅ. सुरेन्द प्रसाद
‘‘खाने में से चीनी को निकाले बिना दांतों के रोग कभी खत्म नहीं हो सकते है।’’
– डा. फिलिप, मिचिगन विश्वविद्यालय
‘‘बच्चे के साथ दुव्र्यव्हार करने वाले पेरेंट्स को अगर दण्ड देना उचित समझा जाता है। तो बच्चों को चीनी और चीनी से बनी मिठाइयां तथा आइसक्रीम खिलाने वाले माता-पिता को जेल मे ही डाल देना चाहिए।’’
-फ्रैंक विलसन

चीनी और नमक सफेद जहर है। आप अब जान गये हैं, शरीर को धीरे-धीरे बिल्कुल खत्म कर देने वाले पदार्थ है। लेकिन आप इससे परहेज करके छूट सकते हैं।
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