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एक चम्मच अजवाइन खाने से जड़ से खत्म, हो जाते है यह रोग

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आप सबको मालूम है की आजवाइन का पौधा आमतौर पर सारे भारतवर्ष में पाया जाता है. लेकीन आजवाइन का पौधा ज्यादा तर पश्चिम बंगाल, दक्षिनी प्रदेश और पंजाब में पाया जाता है. आजवाइन की प्रशंसा में आयुर्वेद में कहा गया है की आजवाइन एक यमानी शतमन्न पाचिका है. आजवाइन में 100 प्रकार के अन्न को पचानी की ताकत है.

पेट संबंधी अगर किसी को समस्या है. एैसे मरीज को आजवाइन खाने से पेट के विकार दूर होते है. साथ ही आजवाइन के साथ ही कालानमक मिलाकर खाने से पेट संबंधी रोग ठीक होते है.

आजवाइन और गुड पानी में पक्का कर सुबह शाम सेवन करणे से गर्भाशय का मल साफ होता है और मासिक धर्म फिर से चालू होता है. आजवाइन के पत्ते, पुदिना के पत्ते, इलायची, सोफ इन चारो को एक साथ चूर्ण करके खाने से मासिक धर्म के समय पेट में होने वाली पिंडा को दूर करता है. आजवाइन का चूर्ण एक कफ गर्म दुध में मिलाकर सेवन करणे से मासिक धर्म की रुकावट दूर होती है.

अगर बार बार पेशाब अति है तो 2 ग्राम आजवाइन 2 ग्राम गुड के साथ पीसकर 4-5 गोली बनाले 3-3 घंटे के अंतर से 1-1 गोली पानी से ले. इससे बार बार पेशाब आना दूर होता है. आजवाइन और रील मिलाकर सेवन करणे से बार बार पेशाब आना ठीक होता है. गुड, पीसी हुई कच्छी आजवाइन समान मात्रा में मिलाकर 1-1 चमच रोजाना 4-5 बार खाने से इससे गुर्दे का भी दर्द ठीक होता है.

अजीर्ण की वजह से उत्पन्न हुआ बुखार में 10 ग्राम आजवाइन रात को 125 मि.ली लिटर पानी में भिगो दे और सुबह मसल-छानकर पिलाने से बुखार आना बंद होगा. बुखार आने पर पसीना अधिक निकले तब 100-200 ग्राम आजवाइन को भूनकर और महीन पिसकर पुरे शरीर पे लगाने से बुखार कम हो जाता है.

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