सूर्य की धूप से सावधान रहिए
समूचा विश्व ही सूर्य की शक्ति पर निर्भर है। कल्पना कीजिएगा यदि धूप निकलना सदा के लिए बंद हो जाए तो क्या होगा? हाँ, उस स्थिति में सृष्टि की बिन धूप, के जो दशा होगी उसे विनाश का ही रूप कहा जाएगा…
लेकिन विश्व में दिन ब दिन बढ़ते प्रदूषण के कारण सूर्य की किरणें भी दूषित होने लगी है। किरणों में भी प्रदूषण के जहर की मिलावट होने लगी है। ये किरणें अब खास कर मानव के लिए, आने वाले कल में हज़ारों बीमारियां पैदा कर, अति खतरनाक साबित हो सकती है।
हाल में धूप की तेज़ किरणों का सक्ष्म परीक्षण कर हाबर्ट (आस्ट्रेलिया) के कुछ वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि धूप से जितना हो सके बचने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इससे निकलने वाले परा बैंगनी विकरण आदमी की बिमारी प्रतिरोधक क्षमता को घटा देते है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि धूप की तेजी से बचाने वाली चीज़ों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि ये भी इन पराबैंगनी विकिरणों को रोक नहीं पाती।
इसी सन्दर्भ में अमेरिकी चिकित्सा शास्त्री डा. जेनिस लोंग्स्टेथ का मत है कि धूप के कुप्रभाव से बचाने वाले लोशन और क्रीम चमड़ी के कैंसर से बचाने में भले ही कारगर होते हों, पर वे इंसान को रोगों से बचाने की प्राकृतिक क्षमता को नुकसान पहुँचाते हैं।
ओजोन परत और स्वास्थय को लेकर हुए अमेरिका के एक सम्मेलन में कुछ वैज्ञानिको ने कहा भी है कि- ‘ओजोन परत कमज़ोर होने से सूरज की रोशनी में परा बैंगनी विकरण बढ़ जाएंगे। इससे कीटाणु इंसान के शरीर पर ज़्यादा आसानी से हमला कर सकेंगे।
कुछ वैज्ञानिकों का तो यह भी कहना है कि छोटे बच्चों को खास तौर से बारह बजे से तीन बजे तक धूप में बाहर नहीं निकलना चाहिए।