तुलसी के पौधे को घर में लगाने के आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक लाभ
Benefits of Tulsi in hindi तुलसी (Holy Basil) एक ऐसा पौधा है। जिसके लाभ अनेकानेक हैं और इसे विज्ञान भी मान चुका है। तुलसी के कई प्रकार हैं जैसे रक्त तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी, मुख्यरूप से विद्यमान है। तुलसी की इन सभी प्रजातियों के गुण अलग है। इन्हीं में से कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे आप अपने घर का वास्तु दोष भी ठीक कर सकते हैं।
जब से संसार में सभ्यता का उदय हुआ है, तभी से मनुष्य रोग और औषधि इन दो तरह के शब्दों को सुनते आए है। जब हम किसी की बीमारी के बारे में उसके शरीर के दर्द को महसूस करते हैं तो हमें औषधि की याद आती है। जिस तरह हम आजकल औषधि के रूप बदल गये हैं, टेबलेट, इन्जेक्शन, कैप्सूल, चूर्ण ना जाने और कैसे कैसे दवाई औषधि के रूप में आ गई है। पहले जमाने में जंगलों, पहाड़ों में पाई जाने वाली वनस्पतियां ही औषधि का काम कर देती थी। इन्हीं से सभी रोग ठीक हो जाते थे। तुलसी भी उसी प्रकार की औषधियों से एक थी।
वैज्ञानिक फायदे :
- वास्तुदोष दूर करने के लिए इसे दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर पश्चिम तक किसी भी खाली कोने में लगाया जा सकता है।
- तुलसी का पौधा किचन के पास रखने से घर के सदस्यों में आपसी सामंजस्य बढ़ता है।
- पूर्व दिशा में यदि खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखा जाए तो आपकी संतान आपका कहना मानने लगेगी।
- अगर संतान बहुत ज्यादा जिद्दी और अपनी मर्यादा से बाहर है तो पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे के तीन पत्ते रोज उसे किसी ना किसी तरह खिला दें।
- यदि आपकी कन्या का विवाह नहीं हो रहा हो तो तुलसी के पौधे को दक्षिण-पूर्व में रखकर उसे नियमित रूप से जल अर्पण करें। इस उपाय से जल्द ही योग्य वर की प्राप्ति होगी।
- यदि आपका कारोबार ठीक से नहीं चल रहा है तो तुलसी के पौधे को नैऋत्य कोण में रखकर हर शुक्रवार को कच्चा दूध चढ़ाएं।
- नौकरी में यदि उच्चाधिकारी की वजह से परेशानी हो तो ऑफिस में जहां भी खाली जगह हो वहां पर सोमवार को तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपड़े में बांधकर कोने में दबा दे। इससे आपके संबंध सुधरने लगेगें।
- शरीर में नाक, कान वायु, कफ, ज्वर खांसी और दिल की बीमारियों पर तुलसी के पत्ते रोग दूर करने में सहायक हैं।
- तुलसी एकमात्र पौधा है जो जीवन को सुखमय बनाने में सक्षम है।
आयुर्वेदिक फायदे :
- तुलसी में समस्त देवताओं का वास हमेशा रहता है। इसलिए जो लोग उसकी पूजा करते हैं उनको अनायास ही सभी देवों की पूजा का फल मिलता है।
- जिस स्थान पर तुलसी का एक पौधा रहता है। वहां पर ब्रहमा, विष्णु और शिवा आदि समस्त देवता निवास करते हैं।
- तुलसी के लगाने एवं रक्षा करने, जल देने, दर्शन करने, स्पर्श करने से मनुष्य के वाणी, मन और काया के समस्त रोग दूर होते हैं
- तुलसी हिचकी, खांसी, विष विकार, पसली के दर्द को मिटाने वाली है। इससे पित्त की वृद्धि और दूषित कफ तथा वायु का शमन होता है, यह दुर्गन्ध को भी दूर करती है।
- तुलसी के पौधों में मच्छरों को दूर भगाने का गुण और उसकी पत्तियों का सेवन करने से मलेरिया का दूषित तत्व दूर हो जाता है।
- तुलसी का रस और मुलहठी का सत मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है।
- इसके सेवन से लाल रक्त कणों में इजाफा होता है और हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। एक बूंद श्री तुलसी का प्रतिदिन सेवन करने से पेट संबंधी बीमारियां धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं में उल्टी की परेशानी होने पर भी यह लाभकारी है।
- किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाए गए जूस को शहद के साथ 6 महीनों तक रोज़ाना पीने से पथरी खत्म होकर बाहर निकल जाती है.
- अगर नाक के भीतर दर्द होता हो, किसी तरह का जख्म अथवा फुंसी हो गई हो तो तुलसी के पत्तों को खूब बारीक पीस कर सुंधने सुंघने से आराम मिलता है।
- तुलसी की जड़ को बारीक पीसकर सुपाड़ी की जगह पान में रखकर खाया जाये तो वीर्य पुष्ट होता है। और सतंभन शक्ति बढ़ती है।
- तुलसी के बीज या जड़ का चूर्ण पुरारने गुड़ में मिलकार 3 माशा प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने से पुरूषत्व की वुद्धि होती है।
- पीरियड्स की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का नियमित रूप से सेवन किया जा सकता है.
- प्रेग्नेंसी के समय तेज दर्द में आराम पाने के लिए तुलसी का रस पिये, इससे गर्भस्थ शिशु के बाहर निकलने में आसानी होती है।
- तुलसी की जड़ स्त्री की कमर में बांधने से प्रसव का कष्ट मिटकर सुखपूर्वक संतान उत्पन्न होती है।
- बच्चों का पेट फूलने पर तुलसी का स्वरस अवस्थानुसार 2 माशा तक पिलाने से आराम होता है।
- दांत निकलते समय बच्चों को जोर से दस्त जाते हैं ऐसे में तुलसी के पत्तों का चूर्ण अनार के शर्बत में देने से लाभ मिलता है।