चोट पर ठंडी या गर्म सिकाई करने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें
कई बार चोट लगने पर मोच पड़ने पर सूजन पड़ जाती हैं इससे बचने के लिए लोग ठंडी और गर्म सिकाई करते हैं। लेकिन लोगों को यह पता नहीं होता हैं कि गर्म और ठंडी सिकाई कब किस चोट या दर्द में करनी चाहिए। गर्म पानी या ठंडे पानी और बर्फ से सिकाई कब और कैसे करनी चाहिए आइए जानते हैं।
गर्म पानी या हॉट पैड से सिकाई
- गर्म सिकाई तेज कमर दर्द हो तब करना चाहिए इससे कमर दर्द में जल्द ही राहत मिलती हैं।
- गर्म सिकाई हीटिंग पैड्स, पैराफिन वैक्स या फिर गर्म पानी के पैड से की जाती हैं।
इसके लिए पानी को नॉर्मल गर्म किया जाता हैं न कि बहुत अधिक। गर्म सिकाई सिर्फ प्रभावित जगह पर ही करनी चाहिए।
- गर्म सिकाई करते समय हर सिकाई में लगभग 5 से 10 मिनट का अंतराल जरूर रखना चाहिए।
इससे दर्द में जल्द ही राहत मिलती हैं।
- गर्म सिकाई सूजन को बढ़ाती हैं इसलिए गर्म सिकाई करने से पहले डॉक्टर से एक बार अवश्य पूछें।
ठंडी पानी की सिकाई या बर्फ की सिकाई
- बर्फ का प्रयोग किसी भी चोट के लगने पर 48 घण्टे के भीतर किया जाता हैं।
जोड़ और मांसपेशियों में आई मोच को ठीक करने के लिए ठंडी सिकाई की जाती हैं।
यह सूजन और दर्द को शीघ्र ही कम कर देती हैं।
- बर्फ या ठंडे पानी से सिकाई 20 मिनट से लेकर 1घण्टे तक कि जा सकती हैं।
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चोट या मोच पर ठंडी सिकाई करने से पहले त्वचा को सूती कपड़े से ढ़क लेना चाहिए।
इससे त्वचा पर बर्फ की चुभन कम महसूस होगी।
- अधिक देर तक बर्फ से सिकाई नहीं करें बल्कि बीच-बीच में 5 से 10 मिनट का अंतराल रखें इससे प्रभावित हिस्सा सुन्न नहीं पड़ेगा।