इस वजह से भगवान कृष्ण ने 18 दिनों तक खानी पड़ी थी मूँगफली
महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण (Lord Krishna) का महत्वपूर्ण योगदान रहा, कुछ इतिहास कार मानते है कि यदि कृष्ण ना होते तो पांडवों का अंत निश्चित ही था। भगवद गीता मनुष्य को मेनेजमेंट का ज्ञान भी देती है। क्या आप जानते है कि महाभारत के युद्ध दौरान भगवान कृष्ण मूँगफली का सेवन करते थे और इसके पीछे के राज मात्र राजा उडुपी ही जानते थे।
दुर्योधन के पास इतनी बलवान सेना थी जिसका सामना पांडव चाहकर भी नहीं कर सकते थे परन्तु कहते है कि जिस व्यक्ति के सर पर ईश्वर का आशीर्वाद होता है उसे संसार कोई ताकत हरा नहीं सकती थी। महाभारत के इस युद्ध में लाखों राजाओं ने भाग लिया था, पांडवों की तुलना में कौरवों की सेना अधिक विशाल थी कौरवों ने सभी प्रतापी राजाओं को अपनी ओर कर लिया था।
सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-
सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन
1000 से भी ज्यादा रेलवे की सभी नौकरियों की सही जानकारी पाने के लिए यहाँ क्लिक करें
राजा उडुपी को युद्ध लड़ने वाले सैनिकों के भोजन का प्रबंध करने का कार्य सौंपा गया, लेकिन राजा अपनी दुविधा प्रस्तुत करते हुए श्री कृष्ण से बोले कि हे ईश्वर, इस युद्ध में प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग मारे जाएँगे, इस तरह से हर दिन हज़ारों योद्धा शहीद होते जायेंगे। युद्ध में मरने वाले लोगों की संख्या का अनुमान लगाना असंभव कार्य है ऐसे में रोज़ भोजन का बिगाड़ होगा इसलिए श्री कृष्ण आप मुझे मार्ग दिखाए।
तभी भगवान बोले कि हे राजन तुम मेरे लिए प्रतिदिन भीगी हुई मूँगफली रखना उसमें से इतनी मूँगफली में खा जाऊ, उसके हज़ार गुना योद्धा का खाना प्रतिदिन कम करते जाना। महाभारत के युद्ध के दिन भगवान कृष्ण यदि 10 मूँगफली खाते तो राजा समझ जाते कि आज 10 हज़ार लोगों का खाना कम बनाना है इस तरह से वे योद्धाओं के भोजन का प्रबंध करते थे।
यह बात सिर्फ राजा उडुपी ही जानते थे कि युद्ध में प्रतिदिन कितने सैनिक मारे जायेंगे, इस तरह महाभारत के युद्ध दौरान भगवान कृष्ण ने लीला रचाई थी।