छोटी-मोटी परेशानियों के लिए घरेलू नुस्खे
अदरक : सर्दियों में गुणकारी: भोजन से पहले अदरक को चिप्स की तरह बारीक कतर लें। इन चिप्स पर पिसा काला नमक बुरक कर खूब चबा-चबाकर खा लें फिर भोजन करें। इससे अपच दूर होती है, पेट हलका रहता है और भूख खुलती है।
1. अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना (छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें। इसे मुँह में रख कर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खाँसी ठीक हो जाती है।
2. सौंठ को पानी के साथ घिसकर इसके लेप में थोड़ा सा पुराना गुड़ और 5-6 बूंद घी मिलाकर थोड़ा गर्म कर लें। बच्चे को लगने वाले दस्त इससे ठीक हो जाते हैं। ज्यादा दस्त लग रहें हों तो इसमें जायफल घिसकर मिला लें।
सर्दी, बुखार और खांसी में इन्हें आजमाए
3. अजवायन, पीपल, अडूसा के पत्ते तथा पोस्त-डोडा- इनका क्वाथ बनाकर पीने से खांसी, श्वास तथा कफ ज्वर का इलाज होता है।
1. अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना (छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें। इसे मुँह में रख कर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खाँसी ठीक हो जाती है।
2. सौंठ को पानी के साथ घिसकर इसके लेप में थोड़ा सा पुराना गुड़ और 5-6 बूंद घी मिलाकर थोड़ा गर्म कर लें। बच्चे को लगने वाले दस्त इससे ठीक हो जाते हैं। ज्यादा दस्त लग रहें हों तो इसमें जायफल घिसकर मिला लें।
सर्दी, बुखार और खांसी में इन्हें आजमाए
3. अजवायन, पीपल, अडूसा के पत्ते तथा पोस्त-डोडा- इनका क्वाथ बनाकर पीने से खांसी, श्वास तथा कफ ज्वर का इलाज होता है।
4. संभालू के पत्तों का क्वाथ और पीपल का चूर्ण मिलाकर पीने से कफ ज्वर का नाश होता है।
5. हल्दी और दूध गर्म कर उसमें थोड़ा सा नमक और गुड़ डालकर बच्चों को पिलाने से जुकाम तथा कफ रोग मिटता है।
6. नागरबेल के पत्ते पर एरंड का तेल लगाकर और उसे थोड़ा सा गर्म करके छोटे बच्चों की छाती पर रखकर गर्म कपड़े से हल्का सेंक करने से बालक की छाती में जमा कफ पिघल कर निकल जाता है।
7. हींग को शराब में खरल करके सुखा लें, उसे दो रत्ती की मात्रा में लेकर मक्खन के साथ खाने से खांसी, श्वास और दूषित कफ विकार ठीक हो जाता है।
8. पुदीने का ताजा रस या अर्क कफ, सर्दी एवं मस्तिष्क दर्द में अत्यंत उपयोगी है।
5. हल्दी और दूध गर्म कर उसमें थोड़ा सा नमक और गुड़ डालकर बच्चों को पिलाने से जुकाम तथा कफ रोग मिटता है।
6. नागरबेल के पत्ते पर एरंड का तेल लगाकर और उसे थोड़ा सा गर्म करके छोटे बच्चों की छाती पर रखकर गर्म कपड़े से हल्का सेंक करने से बालक की छाती में जमा कफ पिघल कर निकल जाता है।
7. हींग को शराब में खरल करके सुखा लें, उसे दो रत्ती की मात्रा में लेकर मक्खन के साथ खाने से खांसी, श्वास और दूषित कफ विकार ठीक हो जाता है।
8. पुदीने का ताजा रस या अर्क कफ, सर्दी एवं मस्तिष्क दर्द में अत्यंत उपयोगी है।