वायरस, फंगस से जुड़े इलाज होंगे सस्ते, जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए ये अहम फैसले
हर देश अर्थव्यवस्था की रिकवरी में तेजी लाकर कोरोना वायरस के वैश्विक प्रभाव को उलटने का प्रयास कर रहा है। भारत में भी केंद्र और रिजर्व बैंक की मोदी सरकार के समन्वित फैसले से अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी से उबर रही है. देश की आर्थिक गतिविधियों को और गति देने के साथ-साथ बाजार को बचाए रखने के लिए आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई वस्तु एवं सेवा कर बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए हैं.
जीएसटी परिषद ने कोरो उपचार से छूट के लिए मंत्रियों के समूह की सिफारिश को मंजूरी दी
उपमुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल की ओर से दी गई प्रारंभिक जानकारी में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले टॉक्सिलिजुमाब और मेफोटेरिज्म के इंजेक्शन को जीएसटी से छूट देने का फैसला किया गया है. साथ ही कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवाओं और उपचार उपकरणों पर पांच प्रतिशत जीएसटी की अनुमति दी गई है। हालांकि, कोरोना वैक्सीन पर जीएसटी दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है। फिलहाल कोरोना के खिलाफ उपलब्ध सभी टीकों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाया जा रहा है.
GST परिषद द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
ओक्सिमित्रा वेंटिलेटर पर और 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा
टॉक्सिलिज़ुमाब और एम्फोटेरिसिन- बी इंजेक्शन पर जीएसटी माफ
रेमडेसिविर इंजेक्शन पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा
कोरोना की सभी दवा जीएसटी का 5 प्रतिशत होगा
एक एम्बुलेंस पर 28 प्रतिशत के बजाय 12 जीएसटी प्रयासों के लिए पंजीकरण करें ,
बिजली की भट्टियों और तापमान जांच उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
जीएसटी परिषद में लिए गए निर्णय 30 सितंबर तक प्रभावी रहेंगे
उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद की पिछली बैठक 28 मई को हुई थी। इसने पीपीई किट और मास्क और टीकों सहित कोविड -19 से संबंधित आवश्यक वस्तुओं पर कर छूट प्रदान करने के लिए मंत्रियों के समूह-जीओएम के गठन का निर्देश दिया। जीओएम ने आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को रिपोर्ट सौंपी। जिसे जीएसटी काउंसिल ने सील कर दिया था।
मंत्रियों के समूह ने चिकित्सा ग्रेड, ऑक्सीजन उपचार उपकरण जैसे QDsaters, वेंटिलेटर, PPE किट, मास्क और सर्जिकल मास्क को GST से छूट देने का प्रस्ताव रखा था।इससे क्षेत्र से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है।