जहाँ तक हो सके आटा ताज़ा पिसा ही लेना चाहिए. हम लोग अक्सर बड़े बड़े नाम वाली कम्पनियों का महँगा आटा खरीद कर ले है ये सोच कर कि ये आटा हमारे परिवार के लिए अच्छा होगा पर असल में ऐसा होता नहीं है, पहली बात तो ये के आटा जितना पुराना होता है उस में पोषक तत्व उतने ही कम होते जाते है ये ही कारण था के पहले घर में हाथ की चक्की से आटा सुबह पिसा जाता था और शाम तक खत्म कर लिया जाता था, दुसरे दिन के लिए फिर दूसरी सुबह ही आटा पिसा जाता था.
अब ये तो संभव नहीं है किन्तु हमे प्रयास करना चाहिए के आटा एक सप्ताह या 1 दिन से ज्यादा पुराना न हो बेहतर ये ही रहेगा के खुद जाकर चक्की से आता पिसवा कर लाये उस में गेंहूँ के साथ थोडा चना और जौ भी जरुर डाले इन दोनों की मात्रा 10 किलो आटे में आधा किलो काले चने और आधा किलो जौ ही रखनी चाहिए ज्यादा होने पर स्वाद में फर्क आ जाता है और रोटी का स्वाद बदल जाता है ,आटे का बुर बिलकुल भी नहीं निकलना चाहिए बुर में ही अधिक पोषक तत्व होते है ( बाजार में पैकेट में मिलने वाले आटे का बुर भी निकल लिया जाता है जो की दवाइयां बनाने में काम आता है !
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