centered image />

एनीमिया को दूर करने व खून बढ़ाने के नुस्खे

1 1,443
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

शरीर में आयरन कमी होने से कई रोग और अनियमिततायें हो सकती हैं। ऐसे में उससे बचना और उसका इलाज करना बेहद जरूरी है। जानिये कैंसे करें आयरन डेफिथ्शियंसी का इलाज और क्‍या हैं इससे बचाव के उपाय देसी नुस्खे द्वारा।

नुस्खे: शहद- शहद कई बीमारियों में दवा का काम करता है। एनीमिया के रोगियों के लिए भी यह बहुत लाभदायक होता है। 100 ग्राम शहद में 0.42 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसीलिए इसके सेवन से खून की कमी दूर हो जाती है।

कैसे लें शहद- एक नींबू के रस को एक गिलास पानी में मिलाएं। इसके बाद एक चम्मच शहद मिलाएं। रोज इस तरह एक गिलास नींबू पानी का सेवन करने से बहुत जल्दी खून बढ़ता है।

पालक- पालक की सब्जी एनीमिया में दवा की तरह काम करती है। इसमें कैल्शियम, विटामिन ए, बी9, विटामिन ई और विटामिन सी, फाइबर और बीटा केरोटीन पाया जाता है। आधा कप उबले पालक में 3.2 मि.ग्रा. आयरन पाया जाता है। यह एक ही बार में किसी महिला के शरीर में 20 प्रतिशत आयरन की पूर्ति करने में सक्षम है।
कैसे खाएं पालक – हरी सब्जियों में पालक डालें। साथ ही, सलाद के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है। पालक को उबालकर उसका सूप भी बनाया जा सकता है। इसका सूप पीने से बहुत जल्दी खून बढ़ता है।

चुकंदर- चुकंदर को एनीमिया में एक रामबाण दवा माना जाता है। यह लौह तत्व से भरपूर होता है। चुकंदर ब्लड सेल्स को एक्टिव कर देता है। इसीलिए एनीमिया से परेशान लोगों को अपनी डेली डाइट में थोड़ा चुकंदर जरूर शामिल करना चाहिए।
कैसे खाएं चुकंदर- चुकंदर को शिमला मिर्च, गाजर, टमाटर में मिलाकर सब्जी बनाई जा सकती है।
– इसके अलावा चुकंदर को सलाद के रूप में या जूस बनाकर लिया जा सकता है।

पीनट बटर-  पीनट बटर प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है। इसीलिए पीनट बटर को अपनी डेली डाइट में शामिल करने की कोशिश करें। रोज पचास ग्राम मूंगफली खाने से भी एनीमिया दूर होता है। दो चम्मच पीनट बटर में 0.6 मि.ग्रा. आयरन पाया जाता है।
कैसे खाएं पनीर बटर- रोज सुबह ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर खाएं। इसके बाद संतरे का जूस पीने से शरीर आयरन को बहुत जल्दी अब्जॉर्ब कर लेता है।
– किसी चीज में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।

टमाटर- टमाटर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और लाइकोपिन पाया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। साथ ही, इसमें बीटा केरोटीन और विटामिन ई पाया जाता है। इसीलिए ये शरीर के लिए नेचुरल कंडिशनर का भी काम करता है।
कैसे खाएं टमाटर- टमाटर को सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
– इसके अलावा, जूस या सूप बनाकर पीना भी सेहत के लिए अच्छा होता है।

सोयाबीन- सोयाबीन आयरन और विटामिन से भरपूर होता है। इसे खाने से शरीर को लो फैट के साथ ही भरपूर मात्रा में आयरन मिलता है। इसीलिए यह एनीमिया के पेशेन्ट्स के लिए बहुत लाभदायक होता है।
कैसे खाएं सोयाबीन- सोयाबीन का उपयोग करने से पहले उन्हें रात में गुनगुने पानी में भिगो दें। फिर धूप में सुखा लें।
– इसे चपाती के आटे के साथ पिसवा कर उपयोग में लाना चाहिए।
– इसके अलावा सोयाबीन को उबालकर भी सेवन किया जा सकता है।

गुड़- एक चम्मच गुड़ में 3.2 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसीलिए एनीमिया से ग्रस्त लोगों को रोज 100 ग्राम गुड़ जरूर खाना चाहिए।
कैसे खाएं गुड़- गुड़ के सेवन में यह बात जरूर ध्यान रखना चाहिए कि वह पुराना हो।
– खाने के बाद थोड़ा-सा गुड़ खाने से भी एनीमिया दूर होता है।

साबुत अनाज के ब्रेड- साबुत अनाज ब्रेड की एक स्लाइस से रोजाना शरीर के लिए जरूरी आयरन का 6 प्रतिशत तक मिल जाता है।

कैसे खाएं साबुत अनाज की ब्रेड– रोज नाश्ते में अगर आप साधारण ब्रेड खाते हैं तो उसे साबुत अनाज की ब्रेड से रिप्लेस कर दें।
– आयरन की कमी पूरी करने के लिए रोज कम से कम दो से तीन साबुत अनाज की ब्रेड खाएं।

मेवे- एनीमिया के पेशेन्ट्स को मेवे जरूर खाना चाहिए। मेवों से शरीर में आयरन का लेवल तेजी से बढ़ता है।
कौन से मेवे खाएं- पिस्ता सबसे बेहतरीन ड्राय फ्रूट है, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है।

अखरोट- रोज थोड़ा अखरोट खाना भी एनीमिया के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है।

सेब और खजूर- सेब और खजूर, दोनों में ही पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है।
– सेब के अंदर मौजूद विटामिन सी आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
– 100 ग्राम सेब में .12 प्रतिशत आयरन पाया जाता है।
– रोज एक सेब और दस खजूर खाने से एनीमिया दूर हो जाता है।

और पढ़ें

एनीमिया के कारण व बचाव

Sab Kuch Gyan से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.