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अक्षय तृतीया को क्यों इतना शुभ माना जाता है, शादी के बंधन में बंधने के लिए

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अक्षय तृतीया को बाकी हिन्दू त्यौहार जैसा महत्वपूर्ण माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन कुछ भी नया शुरू करने के लिए और कुछ महत्वपूर्ण खरीददारी के लिए और शादी करने के लिए बहुत ही अच्छा दिन माना जाता है। पूरे भारत देश में इस दिन सोने के जेवर खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन यह त्यौहार बस इतने में ही खत्म हो जाता, बल्कि यह दिन हमारी सभ्यता और धर्म में भी खास जगह बनाता है। आइये जानते है क्यों :

धार्मिक महत्वपूर्णता

अक्षय का अर्थ है कभी न खत्म होने वाला और तृतीया का अर्थ है तीसरा दिन, यह दिन कृष्ण पक्ष के तीसरे दिन और वैशाख के महीने में पढता है। यह कहा जाता कि पवित्र रस्में और रिति रिवाज़, दान का कार्य इस दिन में करे तो यह आपके घर में दुगनी खुशियां लाता है।

जोड़ो के लिए खास है यह दिन

दक्षिण भारत के अनुसार इस दिन देवी मधुरा ने देव सुंदरेसा से विवाह किया था (शिव जी का दूसरा रूप) इसलिए जो जोड़े इस दिन विवाह करते है, उनको खुद भगवान अनंत खुशियों का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन पूरे में शादियों की काफी भीड़-भाड़ होती है। कुल मिला के यह दिन सबके लिए बहुत व्यस्त वाला दिन होता है। यह माना जाता कि इस दिन सूर्य और चांद दोनों अपने संपूर्ण आकर्षण में होते हैं। .और जो जोड़े एक दूसरे के लिए सही नहीं होते है अगर वो इस दिन शादी करते हैं तो वह आने वाली सारी परेशानियों से दूर हो जाते हैं। इसलिए आज के दिन बहुत सी शादियां एक ही मंडप पर होती है ताकि जो परिवार अपनी लड़िकयों का विवाह करने में असमर्थ होते हैं इस दिन इन सभी को आर्थिक सहायता मिल जाती है। वजह, ज्यादा तर बिजनेस या व्यापारी ज्यादा दान धर्म करते हैं।

अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ प्रौणानिक लोकप्रिय कहानियां :

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  • यह कहा जाता है कि धन के देवता और सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष यानी कुबेर ने इस अक्षय तृतीया वाले दिन देवी लक्ष्मी से प्रार्थना की तब लक्ष्मी जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि तुम्हारा धन कभी खत्म नहीं होगा और तुम्हारी समृद्धि सदैव बनी रहेगी । यही कारण है कि, यह दिन नया व्यापार शुरू करने, नई संपत्ति या सोने की खरीददारी, या शादी करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे जिस घर कुबेर का वास रहता है उस घर में समृद्धि और धन हमेशा बना रहता है। कई घरों में, इस दिन पर कुबेर-लक्ष्मी पूजा का पाठ भी किया जाता है।
  • पवित्र नदी गंगा को इसी दिन भागीरथ द्वारा शिव जी के आशीर्वाद से आकाश से पृथ्वी पर उतारा गया।
  • यह वही पवित्र दिन है जब ऋषि परशुराम के रूप में विष्णु के छठे अवतार का जन्म हुआ था।
  • इसी दिन त्रेता युग की शुरूआत हुई थी और साथ, पवित्र रामायण की अवधि शुरू हुई।
  • वेद व्यास ने भगवान गणेश के पहले महान महाकाव्य महाभारत का गायन शुरू किया गया था।
    भगवान कृष्ण के बचपन के दोस्त सुदामा ने द्वारका का दौरा किया और श्री कृष्ण को पोहा (चावल) उपहार स्वरूप दिया। इसलिए, वैष्णव (भगवान विष्णु के उपासक) पूरे दिन उपवास करते हैं और चावल के साथ अपना उपवास खोलते हैं।

सोने की खरीदारी

जैसा कि आपको बताया था कि अक्षय तृतीया का मतलब है कभी न खत्म होने वाला। यह माना जाता कि इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। जेवर नहीं बल्कि आप गोल्ड कॉइन भी खरीद सकते हैं।

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