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अकबर बीरबल के किस्से : बीरबल ने पकड़ा चोर

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बीरबल अकबर के दरबार के नौ हीरो में से एक था। सब उसके तेज़ दिमाग की तारीफ करते थे। जब भी अकबर किसी परेशानी में होते थे, वह बीरबल को मदद के लिए बुलाते थे।
अकबर को गहनों का बड़ा शौक था। उनके पास कई सोने की अंगूठियां, मोती और हीरे होते थे। उनकी मनपसंद अंगूठी के बीच में एक बड़ा सा हीरा लगा था जिसके हर तरफ मोती लगे हुए थे।
अकबर के महल में आठ नौकर उनके कपड़े और गहनों का ख्याल रखते थे। वही अकबर को दरबार जाने के लिए तैयार करते थे। उनके कमरे में किसी और को जाना सख्त मना था।
एक दिन अकबर का मन अपनी मनपसंद अंगूठी पहनने का हुआ। पर उन्हें वह अंगूठी नहीं मिल रही थी। अकबर ने अंगूठी देने का आदेश दिया। पर किसी को भी अंगूठी नहीं मिली। फिर अकबर ने बीरबल को बुलाया। जब बीरबल आया, तो अकबर ने उसे चोरी के बारे में बताया और मदद के लिए कहा। बीरबल ने उन आठ नौकरों को बुलाया जो अकबर के कमरे में सेवा करते थे।
उसने उन्हें एक जैसे नाप की एक एक लकड़ी दी और अगले दिन लकड़ियों को वापिस लाने को कहा। बीरबल ने कहा कि जिसने भी वह अंगूठी चुराई होगी, रात को उसकी लकड़ी एक इंच बड़ी हो जाएगी।
अगले दिन, आठों नौकर एक कतार में खड़े हो गए। बीरबल ने उनमें से एक को पकड़ा और अकबर के पास ले गया। वह आदमी अकबर के पैरों पर गिर गया और उसने अंगूठी चुराने की बात को स्वीकार किया। अकबर हैरान थे। उन्होंने बीरबल से पूछा कि उसे चोर का पता कैसे लगा। बीरबल ने कहा कि चोर ने लकड़ी बड़ी हो जाने के डर से अपनी लकड़ी को एक इंच काट दिया था।

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