कृषि से मिलेंगे लाखों रुपये इस औषधीय फसल की खेती करें, 20 लाख की आय की गारंटी
किसान कई सालों से हमारे देश में फसल की खेती प्रणाली में बड़ा बदलाव कर रहे हैं। अब देश में नकदी फसल के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती और मसाला फसलों की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। राज्य में किसान समय के साथ नकदी फसलों की खेती भी कर रहे हैं।
सौंफ की फसल भी एक प्रमुख मसाला नकदी फसल है। इसकी खेती किसानों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। ऐसे में आज हम सौंफ की खेती के बारे में जानने जा रहे हैं। सौंफ की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
इस फसल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी खेती रेतीली मिट्टी को छोड़कर किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। 6.6 और 8.0 के बीच पीएच मान वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके अच्छे उत्पादन के लिए 20 से 30 डिग्री का तापमान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
जीरा, धनिया, मेथी, सौंफ आदि की भारत में व्यापक रूप से खेती की जाती है। इन मसालों की खास बात यह है कि इन्हें आप खरीफ या रबी दोनों मौसम में उगा सकते हैं। हालांकि, खरीफ मौसम में इन फसलों की बुवाई करते समय अच्छी जल निकासी वाली खेत का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
तुलसी की फसल की खेती के लिए पूर्व-खेती आवश्यक
सौंफ की बुवाई से पहले किसान खेत को अच्छी तरह तैयार कर लें। सबसे पहले किसान एक-दो बार खेत की जुताई करें। बोर्ड लगाकर मिट्टी को रेक कर खेत को समतल कर लें और सुविधानुसार क्यारियां तैयार कर लें। सबसे पहले
नर्सरी में बीज के माध्यम से सौंफ का उत्पादन किया जाता है और फिर खेत में लगाया जाता है।
इस समय फसल
सौंफ की कटाई तभी करनी चाहिए जब सौंफ की फली पूरी तरह विकसित हो जाए और बीज पूरी तरह से पक जाएं। कटाई के बाद सौंफ की फसल को एक से दो दिन तक खेत में सुखाना चाहिए। इसके बाद इसे 8 से 10 दिनों तक
छायादार जगह पर सुखाना चाहिए। इससे सौंफ का रंग हरा बना रहता है।
इतना मुनाफा
सौंफ की एक एकड़ खेती से आसानी से दो लाख तक का मुनाफा हो सकता है। इस दौरान अधिकतम खर्च 75 हजार से एक लाख रुपये तक है। आप जितने अधिक क्षेत्रों में खेती करेंगे, आपको उतना ही अधिक लाभ होगा। उदाहरण के
लिए, यदि आप 10 एकड़ में सौंफ उगाते हैं, तो लाभ सालाना 20 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा।