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आखिर रात के अंधेरे में ही क्यों होता है किन्नर का अंतिम संस्कार , जानें सच्चाई

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आज हम आपको बताएंगे कि आम आदमी को किन्नर के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं बुलाया जाता। हमारे देश में विभिन्नता पाई जाती है अलग अलग धर्म और संप्रदाय के अलग-अलग रीति रिवाज होते हैं। हम सब जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने संप्रदाय के रीति रिवाज को भली-भांति जानते हैं। लेकिन आज हम आपको किन्नरों के रीति रिवाज के बारे में बताएंगे जो उनके अंतिम संस्कार से जुड़ा है।

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ऐसा माना जाता है की किन्नर की दुआओं में बहुत असर होता है। अक्सर किन्नर बस या ट्रेन में सफर करते हुए मांगते हुए मिल जाते हैं या कोई खुशी का मौका हो जैसे परिवार में किसी का जन्म हो तो किन्नर मांगने के लिए आते हैं और अपने हक को हक से मांगते हैं। लेकिन किन्नरों के बारे में कहा जाता है की इन की दुआओं में बहुत असर होता है इसलिए आम आदमी खुशी के अवसर पर या इनके मांगने पर इन्हें पैसे देता है।

After all, why is Kinnar cremated in the dark of night, know the truth अंतिम संस्कार

किन्नरों का अंतिम संस्कार अंधेरे में कर दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है की इनके फ्यूनरल  से पहले सभी किन्नर मरने वाले की जूते चप्पलों से पिटाई करते हैं कहा जाता है की इस पिटाई से उसके इस जन्म के पापों का प्रायश्चित हो जाता है।

आम आदमी को किन्नर के अंतिम संस्कार को देखने से इसलिए रोका जाता है की किन्नर फिर किसी जन्म में किन्नर योनि मैं ना पैदा हो। ऐसा माना जाता है की अंतिम संस्कार में अगर सभी किन्नर मौजूद हैं तो किन्नर कभी भी किन्नर की योनि में पैदा नहीं होगा। इसलिए आम आदमी को किन्नर के अंतिम संस्कार में जाने से रोक दिया जाता है।

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