ज्योतिष के अनुसार वास्तु का संबंध सकारात्मक और होता है दोनों ऊर्जा के साथ हैं। जिन घरों में वास्तु के अनुसार चीजें की जाती हैं वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। वहीं दूसरी ओर जिन घरों में चीजें वास्तु के अनुसार नहीं होती हैं वहां नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। जब किसी व्यक्ति के आसपास नकारात्मक ऊर्जा होती है तो उसे कई तरह की मानसिक और आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो घर और प्रतिष्ठान की दिशाओं से आने वाली ऊर्जाओं के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है।
वास्तु के अनुसार
ऐसी मान्यताएं हैं कि यदि वास्तु के नियमों का ठीक से पालन किया जाए तो मनुष्य की हर मनोकामना अवश्य पूरी हो सकती है। वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से जीवन में हमेशा धन की प्राप्ति के साथ सुख-समृद्धि आती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिशा का एक विशेष महत्व होता है। दिशा के अनुसार घर में सुख-समृद्धि आती है। वास्तु में पूर्व-उत्तर दिशा को बहुत ही शुभ माना गया है। इसलिए घर के इस हिस्से को हमेशा साफ रखना चाहिए। इस दिशा में भूलकर भी भारी सामान या कूड़ा करकट नहीं रखना चाहिए।
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। इसके अलावा तुलसी के पौधे में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। जिस घर में तुलसी का पौधा होता है और इसकी नियमित पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी का पौधा घर में उत्तर दिशा में लगाना ज्यादा शुभ माना जाता है।
वास्तु में शंख और पिरामिड को बेहद शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। घर में शंख और पिरामिड होने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। पूजा स्थान पर शंख रखना चाहिए और घर की उत्तर दिशा में पिरामिड रखने से शीघ्र धन की कामना पूरी होती है।
घर के उत्तर-पूर्व कोने में पूजा स्थल होना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि उत्तर-पूर्व कोने में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसके अलावा घर की पूर्व दिशा में स्वस्तिक का चिन्ह होना चाहिए, जिससे घर में हमेशा सकारात्मकता बनी रहती है।